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CG Chunav 2018: हाईप्रोफाइल 18 सीटों पर अंतिम दौर में नजर आया हाईवोल्टेज ड्रामा

CG Chunav 2018 छत्तीसगढ़ का चुनाव कैंपेन पूरी तरह से विकास बनान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर टिका रहा

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 07:52 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 07:52 PM (IST)
CG Chunav 2018: हाईप्रोफाइल 18 सीटों पर अंतिम दौर में नजर आया हाईवोल्टेज ड्रामा
CG Chunav 2018: हाईप्रोफाइल 18 सीटों पर अंतिम दौर में नजर आया हाईवोल्टेज ड्रामा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में प्रचार का शोर थम चुका है। अब मतदान की बारी है। घर-घर दस्तक के साथ राजनीतिक दलों की हाईप्रोफाइल 18 सीटों पर नजर है। भाजपा सरकार के नौ मंत्रियों और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।

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भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हाईप्रोफाइल सीट पर सभा कराकर जहां माहौल बनाने की कोशिश की तो कांग्रेस भी पीछे नहीं रही।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और नवजोत सिंह सिद्धू ने चुनाव को कांटे की टक्कर में लाने के लिए ताकत झोंकी। छत्तीसगढ़ का चुनाव कैंपेन पूरी तरह से विकास बनान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर टिका रहा। हाईप्रोफाइल सीट पर अंतिम दौर में हाईवोल्टेज ड्रामा नजर आया और चुनाव को रोमांचक बनाने में ये सीट सफल रही।

रायपुर दक्षिण : यहां भाजपा के कद्दावर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की इस सीट पर कांग्रेस से कन्हैया अग्रवाल हंै। पिछले छह चुनाव से बृजमोहन लगातार यहां से विधायक हैं, लेकिन स्थानीय मुद्दों को उठाकर कांग्रेस यहां घेर रही है। बसपा ने उमेश दाव मानिकपुरी, आप ने धीरज तिवारी को टिकट दिया है। इस सीट पर रिकार्ड 46 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें से कुछ गिनती के ही प्रत्याशी चुनाव प्रचार करते नजर आए।

रायपुर पश्चिम: इस सीट पर भाजपा के मंत्री राजेश मूणत को कांग्रेस के विकास उपाध्याय, बीएसपी के भोजराज, आप के उत्तम जायसवाल समेत 11 प्रत्याशी चुनौती दे रहे हैं। पिछले चुनाव में कम अंतर से हारने के बाद विकास पांच साल क्षेत्र में सक्रिय रहे। तो मूणत फोरलेन सड़क, स्टेडियम और विकास कार्यों की ब्रांडिंग कर रहे हैं। चुनाव प्रचार में दोनों नेता हाईटेक एलइडी स्क्रीन से लेकर सोशल मीडिया पर दम दिखा रहे हैं। प्रचार के दौरान इस सीट पर हाई वोल्टेज ड्रामा चला।

भिलाई नगर: मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय के मुकबाले कांग्रेस ने इस बार महापौर देवेन्द्र यादव को टिकट दिया है। देवेन्द्र विधानसभा के रण में नए चेहरे हैं। मैदान में कुल 14 प्रत्याशी हैं। इनमें बसपा के दीनानाथ व आप के मोहम्मद रजा सिद्दकी शामिल हैं। पांडेय अब तक लगातार दो चुनाव नहीं जीते हैं। यहां विकास बनाम बदलाव को मुद्दा बनाकर प्रचार किया जा रहा है। पांडेय ने स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ को उतारा, तो देवेंद्र ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

कुस्र्द: मंत्री अजय चंद्राकर के मुकाबले कांग्रेस ने लक्ष्मीकांत साहू और बसपा ने कन्हैयालाल साहू को टिकट दिया है। इस सीट से दर्जन भर प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। चुनाव अभियान के दौरान इस सीट पर हाई प्रोफाइल ड्रामा चला है। ओबीसी बाहुल इस सीट पर सभी प्रत्याशी भी इसी वर्ग से हैं। जातिगत समीकरण के लिहाज से साहू वोटर की बहुलता है। यहां की जनता हर बार पार्टी बदल देती है। यही कारण है कि भाजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ की सभा कराई।

बिलासपुर: भाजपा ने पांचवीं बार अमर अग्रवाल पर इस सीट पर फिर भरोसा जातया है। कांग्रेस ने शैलेष पांडेय को टिकट दिया है। जकांछ ने ब्रिजेश साहू को टिकट दिया है। इस सीट पर 28 उम्मीदवार हैं। मुकबाला दिलचस्प चल रहा है। यहां कांग्रेस ने शहर में विकास नहीं होने को मुद्दा बनाया और शहर का अलग से घोषणा पत्र भी जारी किया। दोनों दलों ने बड़े नेताओं की सभा कराकर माहौल बनाने की कोशिश की है, लेकिन सोशल मीडिया कैंपेन निर्णयक भूमिका निभा रहा है।

कसडोल: विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल फिर से मैदान में हैं। कांग्रेस ने शकुंतला साहू के स्र्प में नए प्रत्याशी पर दांव लगाया है तो एनसीपी ने दूसरी शकुंतला साहू को टिकट देकर कांग्रेस के लिए संकट खड़ा कर रखा है। रामेश्वर प्रसाद बसपा के प्रत्याशी हैं। जकांछ ने परमेश्वर यदु को टिकट दिया है। आप, गोगंपा समेत कुल 29 प्रत्याशी मैदान में हैं। पूरा चुनाव कैंपेन स्थानीय बनाम बाहरी का हो गया है। यहां आखिरी समय में जो वोटरों को साध ले, वह पार हो जाएगा।

कवर्धा: मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के गृहजिले इस सीट पर पिछली बार के ही प्रतिद्वंद्वी फिर मैदान में हैं। भाजपा ने सीटिंग एमएलए अशोक साहू तो कांग्रेस ने पिछला चुनाव इसी सीट से हारे अकबर भाई को फिर से मैदान में उतारा है। गठबंधन में यह सीट जकांछ के खाते में है। पार्टी ने अगम दास को टिकट दिया है। कुल 21 दावेदार मैदान में हैं। इनमें ओबीसी के साथ एससी भी शामिल हैं। सीट कड़े मुकाबले में फंसी हुई है। राजपरिवार का पहले निर्दलीय ताल ठोंकना और बाद में कांग्रेस को समर्थन देने से मुकाबला रोचक हो गया है।

प्रतापपुर: गृह मंत्री राम सेवक पैकरा के मुकबाले कांग्रेस ने डॉ. प्रेमसाय सिंह को टिकट दिया है। वहीं, जकांछ ने डॉ. नरेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। मैदान में कुल 12 प्रत्याशी है। प्रचार के दौरान दोनों राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों जकांछ से कड़ी टक्कर मिल रही थी, लेकिन निर्वाचन व्यय नहीं दे पाने के कारण एन वक्त पर डॉ. नरेंद्र के प्रचार वाहन समेत अन्य अनुमति रद कर दी गई है। यहां की जनता भी हर बार पार्टी बदल देती है। आदिवासी बाहुल विधानसभा में कांटे का टक्कर देखने को मिल रहा है।

बैकुंठपुर: भाजपा के श्रम मंत्री भैयालाल राजवाड़े के मुकाबले कांग्रेस ने यहां राज परिवार की अंबिका सिंहदेव को टिकट दिया हैै। जकांछ के बिहारी लाल व गोगंपा के संजय सिंह के साथ कुल सात लोग मुकाबले में हैं। कोरिया राजपरिवार की अंबिका अपने चाचा रामचंद्र सिंहदेव की विरासत को वापस लाने के लिए संघर्ष कर रही हैं, तो राजवाड़े जातिगत समीकरण को साधकर नैया पार लगाना चाह रहे हैं।

पाटन: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की इस हाइप्रोफाइल सीट पर भाजपा ने इस बार मोती लाल साहू के स्र्प में नए चेहरो को आजमाया है। जकांछ ने शकंुतला साहू और आप ने दुर्गा झा को मैदान में उतारा है। कुल नौ लोग मैदान में हैं। भाजपा ने पाटन को छीनने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा कराई है। जातिगत समीकरण के आधार पर साहू उम्मीदवारों की बहुलता से समीकरण को उलझा दिया है।

अंबिकापुर: इस हाईप्रोफाइल सीट पर एक बार भी कांग्रेस के टीएस सिंहदेव व भाजपा के अनुराग सिंहदेव मैदान में हैं। बसपा ने सीता राम दास को टिकट दिया है। कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। टीएस व अनुराग पिछले तीन चुनाव से लगातार आमने-सामने आ रहे हैं। इस बार संवेदना का कार्ड खेला गया है। एक ओर कांग्रेस की ओर से सिंहदेव को सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट किया जा रहा है, तो अनुराग अपने भविष्य की आखिरी लड़ाई को मुद्दा बनाकर टक्कर दे रहे हैं।

सक्ती: कांग्रेस ने यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत को टिकट दिया है। महंत 25 साल बाद चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने सीटिंग एमएलए का टिकट काटकर मेधाराम को मैदान में उतारा है, तो एनसीपी ने भी मेघाराम को टिकट दिया है। बीएसपी से गौतम राठौर, सीपीआई ने अनिल श्ार्मा को टिकट दिया है। कुल 14 लोग मैदान में हैं।

दुर्ग ग्रामीण: भाजपा ने यहां से सीटिंग एमएलए और मंत्री रमशीला साहू को टिकट काट कर जागेश्वर साहू को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने अपने इकलौते सांसद ताम्रध्वज साहू को इस सीट से झोंक दिया है। कांग्रेस ने आखिरी समय में प्रतिमा चंद्राकर का टिकट काटकर ताम्रध्वज को मैदान में उतारा है। जकांछ ने डॉ. बालमुकुंद तो आप से ईश्वरी कुर्रे मैदान में हैं। कुल नौ प्रत्याशी हैं। जातिगत समीकरण के आधार पर यहां कांटे का मुकाबला नजर आ रहा है।

साजा: कांग्रेस के इस गढ़ को पिछले चुनाव में भाजपा ने पहली बार भेदा था। इसी वजह से पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक लाभचंद बाफना को टिकट को फिर से टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने अपने पुराने विधायक रविन्द्र चौबे को टिकट दिया है। आप ने अशोक कुमार व जकांछ ने टेकसिंह चंदेल को टिकट दिया है। कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन कौन चुनाव पर असर डाल पाएगा यह तो रिजल्ट के बाद ही पता चलेगा।

रायपुर ग्रामीण: कांग्रेस के सीटिंग एमएलए सत्यनारायण शर्मा के मुकाबले जकांछ ने डॉ. ओम प्रकाश देवांगन को टिकट दिया है। भाजपा ने भी पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे नंदे साहू पर दांव खेला है। पिछले तीन चुनाव से दोनों आमने-सामने रहे हैं और मतदाता हर बार नए को मौका देती रही है। आप से पार्टी के प्रदेश संयोजक डॉ. संकेत ठाकुर चुनाव लड़ रहे हैं। कुल 22 प्रत्याशी मैदान में हैं। दोनों की प्रमुख राजनीतिक दलों में असंतोष व भीतरघात का खतरा मंडरा रहा है।

अभनपुर: भाजपा- कांग्रेस दोनों ने फिर वही परंपरागत चंद्रशेखर साहू और धनेन्द्र साहू को टिकट दिया है। धनेन्द्र सीटिंग एमएलए है। एनसीपी ने टिकाराम सिंह तो जकांछ ने दयाराम निषाद व आप ने संजय राय को टिकट दिया है। कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। ज्यादातर प्रत्याशी ओबीसी वर्ग के हैं, ऐसे में यहां सामाजिक समीकरण साधना चुनौती है।

खरसिया: कांग्रेस के इस गढ़ में भाजपा ने पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी को टिकट देकर इस सीट को हाईप्रोफाइल बना दिया है। कांग्रेस ने सीटिंग एमएलए उमेश पटेल को फिर से मैदान में उतारा है। बसपा से नारायण सिदार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। आप व गोगंपा समेत 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां कांटे की टक्कर चल रही है। झीरम हमले में मारे गए नंदकुमार पटेल की विरासत को संभालने के लिए उमेश जोर लगाए हैं, तो कलेक्टर की नौकरी छोड़कर आए ओपी चौधरी माटी की सेवा के लिए वोट मांग रहे हैं। ओपी के लिए अमित शाह ने सभा की, तो उमेश के पक्ष में उनकी मां और भाभी गांव-गांव प्रचार कर रही हैं।

मरवाही: हर चुनाव में सुर्खियों में रहने वाली मरवाही सीट इस बार भी चर्चा में है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने आखिरी समय में चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस बार जोगी अपनी पार्टी जकांछ के प्रत्याशी हैं। भाजपा ने अर्चना पोर्ते के स्र्प में नए चेहरे को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने गुलाब सिंह राज पर दांव खेला है। गोगंपा ने रितू को टिकट दिया है। मैदान में कुल 10 प्रत्याशी हैं।  


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