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CG Election 2018: मां का आशीर्वाद ले, पत्नी से बात कर निकले बस्तर में चुनाव करवाने

छत्तीसगढ़ में जंगलों से घिरे नक्सली इलाकों में चुनाव कराने पहुंचा मतदान दल।

By Prashant PandeyEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 01:32 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 01:32 PM (IST)
CG Election 2018: मां का आशीर्वाद ले, पत्नी से बात कर निकले बस्तर में चुनाव करवाने
CG Election 2018: मां का आशीर्वाद ले, पत्नी से बात कर निकले बस्तर में चुनाव करवाने

रायपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। यह बस्तर है। दावों से दूर यहां जिंदगी आज भी पग-पग पर बेहद कड़ी परीक्षा लेती है। एक या दो नहीं, सैकड़ों वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में प्राकृतिक दुरूहता के साथ ही माओवादियों का आतंक आपके हौसले को कसौटी पर कसता है। कुछ ऐसे ही जाने-अंजाने खतरों को अपने में छिपाए बस्तर की 12 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को मतदान कराने के लिए पोलिंग पार्टियों की रवानगी शुरू हो गई है। बस्तर संभाग में कई मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है जबकि बीच में पहाड़ हैं, जंगल है, घाटियां हैं...और नक्सली भी।

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ऐसे में यहां मतदान किसी जंग से कम नहीं हैं। यही वजह है कि कई बूथों के मतदान कर्मियों को हेलीकाप्टर से भेजना पड़ता है। शनिवार को नारायणपुर से मतदान कर्मियों के ऐसे ही दूसरे कई दलों की रवानगी हुई। रवानगी के पूर्व कई भावुक पल भी आए। कोई मां के पांव छूकर आशीर्वाद ले रहा था तो कोई अपनी पत्नी से मोबाइल पर कुछ ऐसी बातें कर रहा था जिसका सार यह था कि ...अब आगे जाने क्या होगा। हालांकि लोकतंत्र के इन पहरुओं का यही जज्बा अंतत: नकारात्मक विचारधारा वालों की पराजय का कारण बनता है।

यह पोलिंग पार्टियां शनिवार शाम तक अपने-अपने क्षेत्र में जिम्मा संभाल चुकी थीं। इध्ार, जगदलपुर संभाग मुख्यालय के साथ ही राजधानी रायपुर स्थित पुराना पुलिस हेडक्वार्टर में अफसरों व खुफिया इकाईयों का रतजगा शुरू हो गया। इन दोनों ही कमांड व कंट्रोल स्टेशनों पर तब तक यह हलचल चरम पर बनी रहेगी जब तक जंगलों के भीतर घुसा अंतिम पोलिंग पार्टी का अंतिम सदस्य भी सकुशल बाहर नहीं आ जाता। ...और वह क्षण मतदान का दूसरा दिन भी हो सकता है, मतदान का तीसरा दिन 14 नवंबर भी हो सकता है।

तब तक जगदलपुर संभाग मुख्यालय के साथ ही रायपुर पुलिस मुख्यालय में मॉनीटर, मोबाइल, सेटेलाइट फोन, जीपीएस आदि आदि बजते रहेंगे, घनघनाते रहेंगे, चलते रहेंगे। इस दौरान आला अफसरों के आदेश-निर्देश पर हेलीकाप्टरों को भेजने की तत्काल व्यवस्था होगी, सुरक्षा बल हर पल फुल एक्शन मोड में रहेंगे।

कैंपों में रात गुजारेंगे 

बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए शुक्रवार से ही मतदान दलों की रवानगी शुरू हो गई थी। शनिवार को कुछ दलों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया। नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान दलों को रात सुरक्षाबलों के कैंपों में गुजारने के निर्देश दिए गए हैं। कैंपों तक दलों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया है। कैंप से मतदान केंद्र की दूरी के हिसाब से मतदान दल रविवार रात या सोमवार अलसुबह पैदल रवाना होंगे। बस्तर संभाग में 2831 मतदान केंद्र हैं जहां 20 लाख 62 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। संगवारी मतदान केंद्र और आदर्श मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं।  


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