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रायपुर संभाग की 15 सीटों को बचाने के लिए भाजपा चलेगी ये चाल

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में सत्ता की चौथी पारी के लिए रायपुर संभाग की 15 सीटों को बचाना भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती है। पिछले चुनाव में पार्टी ने संभाग की 20 में 15 सीट पर जीत दर्ज की थी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 10:55 PM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 10:55 PM (IST)
रायपुर संभाग की 15 सीटों को बचाने के लिए भाजपा चलेगी ये चाल
रायपुर संभाग की 15 सीटों को बचाने के लिए भाजपा चलेगी ये चाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में सत्ता की चौथी पारी के लिए रायपुर संभाग की 15 सीटों को बचाना भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती है। पिछले चुनाव में पार्टी ने संभाग की 20 में 15 सीट पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस चार और महासमुंद से निर्दलीय ने जीत दर्ज की थी। इस बार जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बसपा के साथ गठजोड़ के बाद सियासी समीकरण बदल गये हैं। इस गठजोड़ का सीधा असर संभाग की दस सीट पर पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा सीट भाजपा के पास है।

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नए चेहरे मैदान में उतराने की तैयारी

संभाग की सीटों को बचाने के लिए भाजपा का ब्रह्मास्त्र नये चेहरे को मैदान में उतारने के रूप में देखा जा सकता है। भाजपा के सर्वे की रिपोर्ट में भी स्थानीय विधायकों के खिलाफ नाराजगी और कमजोर परफार्मेंस की बात आई है।

छह सीटों पर नये उम्‍मीदवार

ऐसे में भाजपा 15 में से छह सीट पर विधायकों के टिकट काटकर नये उम्मीदवार को मैदान में उतारने जा रही है। वहीं, हारी सीट पर पिछले चुनाव में हार का सामना करने वाले नेताओं की जगह नये और युवा चेहरे को मैदान में उतारने जा रही है। वहीं, कांग्रेस के सामने संभाग में सीटों का आंकड़ा दस के पास पहुंचाने का है।

कांग्रेस भी उसी राह पर

कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो संभाग की रायपुर उत्तर, धरसीवां, आरंग, कसडोल, बिलाइगढ़, बिंद्रानवागढ़ और सिहावा में कांग्रेस नये उम्मीदवार को मैदान में उतारने जा रही है। कांग्रेस संभाग के चारों विधायकों को एक बार फिर मौका दे सकती है। रायपुर ग्रामीण से सत्यनारायण शर्मा, अभनपुर से धनेंद्र साहू और धमतरी से गुरमुख सिंह होरा की टिकट लगभग फाइनल मानी जा रही है। चर्चा है कि बलौदाबाजार को लेकर कोर ग्रुप में विचार के बाद उम्मीदवार का नाम फाइनल होगा।

सीट बचाने सांसदों को भी मैदान में उतारने की तैयारी

भाजपा अपनी सीट बचाने के लिए सांसद रमेश बैस को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। बैस को पिछले चुनाव में हारी रायपुर ग्रामीण या बलौदाबाजार से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

गठजोड़ का पड़ेगा असर

जकांछ और बसपा के गठजोड़ का असर आरंग, कसडोल, भाटापारा, बिलाइगढ़, सरायपाली, बिंद्रानवागढ़, सिहावा और बलौदाबाजार विधानसभा सीट पर पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसमें सात विधानसभा सीट पर भाजपा विधायक हैं।

महासमुंद पर सबकी निगाह

निर्दलीय विमल चोपड़ा की महासमुंद सीट पर कांग्रेस, भाजपा और जोगी-बसपा गठजोड़ की निगाह है। भाजपा की कोशिश है कि चोपड़ा को अपने पाले में किया जाए, लेकिन चोपड़ा एक बार फिर निर्दलीय ताल ठोंकने के मूड में नजर आ रहे हैं।

यह है संभाग की सीट का समीकरण

भाजपा विधायक

रायपुर दक्षिण, रायपुर पश्चिम, रायपुर उत्तर, धरसीवां, आरंग, कसडोल, बिलाइगढ़, सरायपाली, बसना, खल्लारी, भाटापारा, राजिम, बिंद्रानवागढ़, सिहावा, कुस्र्द।

कांग्रेस विधायक

रायपुर ग्रामीण, अभनपुर, बलौदाबाजार, धमतरी।

निर्दलीय

महासमुंद।


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