Rosera Election 2020: त्रिकोणीय मुकाबले में क्या कांग्रेस समस्तीपुर की रोसड़ा सीट बचा पाएगी ?
Rosera Election News 2020 समस्तीपुर सांसद प्रिंस राज के बड़े भाई कृष्ण राज यहां से अपनी दावेदारी पेश कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। ऐसे में अब बड़ा सवाल यही है कि क्या कांग्रेस अपनी यह सीट बचा पाएगी या फिर भाजपा वापसी करने में सफल होगी।
समस्तीपुर, जेएनएन। रोसड़ा जिले की महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है। यह सुरक्षित सीट है। आरक्षित होने से पूर्व कभी यह राजद का गढ़ हुआ करती थी। लेकिन, बाद में एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस प्रत्याशी ने यहां से जीत हासिल की। हालांकि भाजपा की स्थिति यहां काफी मजबूत मानी जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस एवं जदयू के गठबंधन रहने से कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. अशाेक कुमार यहां से जीते थे। वे इस बार रोसड़ा विधानसभा से चुनाव मैदान में नहीं हैं। उनकी जगह नागेंद्र विकल को उतारा गया है। जिन्हें भाजपा के वीरेंद्र पासवान कड़ी टक्कर दे रहे। लोजपा ने भी इस सीट से अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। समस्तीपुर सांसद प्रिंस राज के बड़े भाई कृष्ण राज यहां से अपनी दावेदारी पेश कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। ऐसे में अब बड़ा सवाल यही है कि क्या कांग्रेस अपनी यह सीट बचा पाएगी या फिर भाजपा वापसी करने में सफल होगी। वैसे कुछ लोग यह भी कह रहे कि भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई में कहीं लोजपा मैदान न मार जाए। यहां अब वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कुल 56 प्रतिशत मतदाताआें ने यहां वोट डाले हैं।
2015 में मिले मत
डॉ. अशोक कुमार (कांग्रेस) : 85,506
मंजू हजारी (भाजपा) : 51,145
2010 में मिले मत
मंजू हजारी (भाजपा) : 57,930
पितांबर पासवान (राजद) : 45,811
2005 में मिले मत
गजेंद्र प्रसाद सिंह (राजद) : 38,142
अशोक कुमार (जदयू) : 35,010
कुल वोटरः 3.14 लाख
पुरुष वोटरः 1.66 लाख (53%)
महिला वोटरः 1.47 लाख (46.8%)
ट्रांसजेंडर वोटरः 3 (0.0009%)
रोसड़ा सीट का जातीय गणित
जहां तक इस विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी का प्रश्न है तो 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां चाल लाख 86 हजार 959 लोग रहते हैं। इसमें करीब 93.6 फीसद जनसंख्या गांवों में रहती है जबकि 6.4 फीसद शहरों में। अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 19.53 और 0.02 है। इस सीट पर पासवान, रविदास, कोइरी और कुर्मी जातियों का अच्छा-खासा प्रभाव है। ये जहां जाते हैं, उसकी जीत तय मानी जाती है।