Bihar Election 2020: मुजफ्फरपुर में चुनाव की अगली सुबह भी प्रत्याशियों को नहीं करार, मंत्री सुरेश शर्मा ने एक्जिट पोल पर की चर्चा तो रमई राम ने लिया हर बूथ का हिसाब
Bihar Muzaffarpur Election 2020 करीब 20 दिनों की भाग-दौड़ के बाद आराम के साथ वोटों के गुना-भाग में बीत रहा उम्मीदवारों का दिन। गायघाट विधायक व जदयू उम्मीदवार महेश्वर यादव त्रिकोणीय संघर्ष के बीच जीत का दावा कर रहे।
मुजफ्फरपुर, [प्रेम शंकर मिश्र]। Bihar, Muzaffarpur Election 2020: कोरोना काल के कारण इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उम्मीदवारों को अपेक्षाकृत कम समय मिला। कम समय के कारण एक-एक मतदाता तक पहुंचने के लिए उम्मीदवारों को अधिक ताकत झोंकनी पड़ी। करीब 20 दिनों की भाग-दौड़ के बाद शनिवार को तीसरे व अंतिम चरण का मतदान हुआ। मतदान से एक दिन पहले बूथ मैनेजमेंट से लेकर अन्य तैयारियों में उम्मीदवार व उनके समर्थक लगे रहे। चुनाव के दिन सुबह से मतदाताओं को बूथों तक लाने व मतदान कराने की चुनौती के बीच सभी उम्मीदवार विपक्षियों की गतिविधियों पर भी नजर रखे रहे। चुनाव समाप्त होने के बाद एक-एक बूथ पर गिरे वोट व उसमें अपने लिए संभावना तलाशने में रात तक व्यस्त रहे। यही कारण रहा कि रविवार की सुबह इन उम्मीदवारों के लिए देर से हुई। कई उम्मीदवारों ने समर्थकों के साथ मिलकर मतगणना की रणनीति बनाई। उम्मीदवारों ने जीत का दावा करते हुए समर्थकों को डटे रहने को कहा।
कुछ कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिए
नगर विधानसभा से हैट्रिक लगाने उतरे सुरेश कुमार शर्मा इसबार कड़े संघर्ष में हैं। मगर, जीत के प्रति आश्वस्त हैं। चुनावी थकान के साथ कुछ कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिए। फिर थोड़ा आराम। इसके बाद मंगलवार को होने वाली मतगणना पर चर्चा। साथ ही चर्चा विभिन्न एक्जिट पोल की भी। गायघाट विधायक व जदयू उम्मीदवार महेश्वर यादव त्रिकोणीय संघर्ष के बीच जीत का दावा कर रहे। करीब तीन लाख मतदाता वाली इस विधानसभा क्षेत्र में 60 फीसद वोटिंग हुई। वे मान रहे कि सभी जाति व समुदाय को वोट मिला है। वे 20 हजार वोट से चुनाव जीतेंगे। उन्होंने आज भी पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर फीडबैक लिया। जीत की आशा के साथ मतगणना व आगे की रणनीति तैयार की। लोजपा उम्मीदवार कोमल सिंह लगातार तूफानी चुनाव प्रचार किया। समर्थकों के बीच लड़ाई में रहने व जीत की संभावनाओं को टटोला। पहली बार चुनाव मैदान में उतरीं कोमल मान रहीं कि जीत-हार का फासला कम ही रहेगा।
चुनाव के बाद आराम को प्राथमिकता
कांटी छोड़कर जदयू से सकरा में उतरे अशोक कुमार चौधरी ने चुनाव के बाद आराम को प्राथमिकता दी। मगर, सुबह होने के साथ फिर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुखातिब हुए। जीत के प्रति आश्वस्त दिखे। हालांकि, जीत के आंकड़े को लेकर चर्चा करते रहे। बड़ी जीत का अनुमान लगा रहे थे। मगर, अब संघर्षपूर्ण जीत की बात हो रही। साथ ही कार्यकर्ताओं को कहा गया कि सहयोग के लिए मतदाताओं का आभार जताएं।
सुबह कार्यकर्ताओं से मिले
बोचहां विधानसभा में उतरे दो वरीय उम्मीदवारों वीआइपी के मुसाफिर पासवान व राजद के रमई राम को लेकर सभी की नजर है। चुनाव प्रचार में उम्र आड़े नहीं आई। मगर, मतदान के बाद शाम के बाद से दोनों उम्मीदवार आराम करते रहे। रमई राम जीत को लेकर आशान्वित हैं। सुबह कार्यकर्ताओं से मिले। कहां कितने वोट आए इसपर मंथन। जीत-हार के आंकड़े पर भी चर्चा की। वहीं मुसाफिर पासवान व उनकी टीम ने भी एक-एक बूथ की समीक्षा की। जीत के दावे यहां भी। साथ ही एक्जिट पोल को खारिज किया। चुनाव में एनडीए के समन्वयक की भूमिका में रहे भाजपा के जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने सभी विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता व प्रखंड अध्यक्षों से फीडबैक लिया। सुबह से आंकड़ों को जुटाने में लगे रहे। दावा किया कि जिले की अधिकतर सीटें एनडीए के खाते में आएगी। कुछ सीटों पर संघर्ष है। मगर, वहां भी जीत एनडीए की होगी।