Dhaka Election 2020: एनडीए व महागठबंधन की लड़ाई में रालोसपा अपनी जगह बनाने को कर रही प्रयास
Dhaka Election News 2020 ढाका विधानसभा में भाजपा के दबदबे को पिछले चुनाव में राजद ने कम करते हुए सीट को अपने कब्जे में ले लिया था। इस चुनाव में एनडीए अपनी पुरानी स्थिति को कायम करने के लिए जोर आजमाइश में लगा है।
मोतिहारी, जेएनएन। ढाका विधानसभा भाजपा का गढ़ रहा है। पिछले कई चुनावों में भाजपा के दबदबे को पिछले चुनाव में राजद ने कम करते हुए सीट को अपने कब्जे में ले लिया था। इस चुनाव में एनडीए अपनी पुरानी स्थिति को कायम करने के लिए जोर आजमाइश में लगा है। एनडीए ने अपने पुराने प्रत्याशी पूर्व विधायक पर भरोसा जताया है। वहीं राजद ने भी विधायक फैसल रहमान को उम्मीदवार बनाया है। दोनों की लड़ाई को फिर रालोसपा प्रत्याशी रामपुकार सिन्हा ने रोचक बना दिया है। यहां पिछले चुनाव में जो प्रत्याशी मुख्य रूप से थे स्थिति वहीं है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि उस समय विधायक एनडीए का था, जबकि वर्तमान में विधायक राजद का है। भाजपा अपने पुराने जनाधार को वापस लाने के लिए लोगों के बीच है। वहीं राजद अपनी सीट को बचाने के लिए कोशिश में जुटा है। वहीं रालोसपर प्रत्याशी रामपुकार सिन्हा भी लड़ाई को त्रिकोणात्मक बना रहे हैं। यहां वोटिंग की प्रक्रिया संपन्न हो गई है। यहां 61 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी
एनडीए : पवन जायसवाल (भाजपा)
महागठबंधन : फैसल रहमान (राजद)
रालेसपा : रामपुकार सिन्हा
2015 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
1. फैसल रहमान (राजद) : 87548
2. पवन जायसवाल (भाजपा) : 68261
2010 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
1. पवन कुमार जायसवाल (भाजपा) : 48100
2. फसल रहमान (जदयू) : 46451
2005 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
1. अवनीश कुमार सिंह (भाजपा) : 31162
2. पवन कुमार जायसवाल (लोजपा) : 30472
कुल वोटर : 316846
पुरुष वोटर : 167073
महिला वोटर : 149753
ट्रांसजेंडर वोटर : 20
जीत का गणित
ढाका विधानसभा क्षेत्र से जुड़े कई फैक्टर हैं जो चुनावी जीत-हार का कारण बन सकते हैं। क्षेत्र के मुद्दों पर भी लोग मुखर हैं। यह क्षेत्र भाजपा के कब्जे में लंबे समय तक रहा है। हालांकि पिछले चुनाव में राजद की झोली में यह सीट चली गई थी। इस विधानसभा क्षेत्र में जातिगत आधार वोट के लिए निर्णायक साबित होता रहा है। महागठबंधन व एनडीए प्रत्याशी दोनों के बीच कड़ा संघर्ष है। दोनों के अपने-अपने समीकरण है। एनडीए विकास के मुद्दे को प्रमुखता के साथ लेकर लोगों के बीच में जा रहे हैं। वहीं विधायक फैसल अपनी सीट सुरक्षित करने के लिए हर प्रकार के प्रयास कर रहे हैं।
प्रमुख मुद्दे
1. ढाका को बैरगनिया से जोडऩे वाली फुलवरिया घाट लंबे समय से लंबित है। इस दिशा में कई प्रयास हुए काम को पूरा करने के लिए भी प्रयास किए गए, पर सफलता नहीं मिली है।
2. ढाका को शिवहर से जोडऩे के लिए बागमती में पुल का निर्माण लोगों की पुरानी मांग रही है। इस दिशा में भी सार्थक प्रयास की जरूरत है।
3. तटबंध को मजबूत नहीं करने से बाढ़ की समस्या से लोग परेशान रहते हैं। हर साल लोग सिकरना लालबकेया व बागमती में उफान से परेशान रहते हैं। बाढ़ का स्थायी निदान की दिशा में प्रयास सफल नहीं हो सका है।
4. क्षेत्र में रोजगार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। काम की तलाश में बाहर जाने वालों का सिलसिला जारी है। सरकारी योजनाएं उन्हेंं रोक नहीं पा रहीं हैं।