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शेरघाटी विधानसभा में सुबह के एक घंटे मतदान की गति रही धीमी

शेरघाटी लोकतंत्र का महापर्व 2020 शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र 226 में बुधवार को सुबह के 1 घंटे मतदान की गति काफी धीमी रही। जैसे-जैसे समय बीतता गया मतदान की गति तेज होती गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 11:45 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 11:45 PM (IST)
शेरघाटी विधानसभा में सुबह के एक घंटे मतदान की गति रही धीमी
शेरघाटी विधानसभा में सुबह के एक घंटे मतदान की गति रही धीमी

शेरघाटी : लोकतंत्र का महापर्व 2020 शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र 226 में बुधवार को सुबह के 1 घंटे मतदान की गति काफी धीमी रही। जैसे-जैसे समय बीतता गया मतदान की गति तेज होती गई। विधानसभा के शेरघाटी अनुमंडल मुख्यालय अंतर्गत मतदान केंद्र संख्या 135 कल्याण छात्रवास शेरघाटी पर इवीएम में गड़बड़ी रहने के कारण लगभग 40 मिनट देर से मतदान प्रारंभ हो सका। इसी प्रकार डोभी के पांच अलग-अलग मतदान केंद्रों पर इवीएम में खराबी आने के कारण मतदान प्रक्रिया में देर हुई। डोभी प्रखंड के 2 मतदान केंद्र पर भी ईवीएम में खराबी आने के कारण मतदान लगभग 45 मिनट देर से चालू हो सका। शेरघाटी अनुमंडल पदाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी उपेंद्र पंडित ने बताया कि शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र में 411 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण मतदान हुआ। सुबह के 10:00 बजे तक 12त्‍‌न 12:00 बजे 22 प्रतिशत तथा 1:00 बजे तक 30 प्रतिशत मतदान हो चुका था। उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया में दोपहर बाद तेजी आई है। उन्होंने यह भी बताया कि 361 भवनों में स्थापित 411 मतदान केंद्रों पर सीआरपीएफ, बी एस एफ के अलावा अन्य पुलिस बल प्रतिनियुक्त हैं। इसके अलावा 33 सेक्टर मजिस्ट्रेट के द्वारा तीनों प्रखंड का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। डोभी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय थेवई चक के बूथ संख्या 237 का ईवीएम मशीन में लगभग 2:00 बजे खराबी आने की शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसे तत्काल ठीक करा लिया गया था। कुल मिलाकर मतदान प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ है।

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कोरोना का असर दिखा वोटरों में डर नहीं दिखा परंतु कोरोना असर अवश्य दिखा। किसी भी मतदान केंद्र पर इस बार लंबी कतारें नहीं दिखी। इक्का-दुक्का मतदान केंद्र पर कतार लगी परंतु नियमित रूप से वोटिग चलता रहा। मतदाताओं में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं देखी गई। वोटरों के मुताबिक मतदान पर इस बार वोटरों की संख्या सीमित रहने के कारण कतार लंबी नहीं हो सकी। अधिक से अधिक मतदाता वाले मतदान केंद्र को यथावत भवन में सहायक मतदान केंद्र बना दिया गया। जो मतदाताओं के लिए काफी सहूलियत हुई। परिणाम स्वरूप मतदाता आराम से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। साथ ही कोरोना से बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों में कारगर साबित हुआ। हालांकि शारीरिक दूरी और मास्क अनिवार्यता का पालन मतदान केंद्रों पर नहीं देखा गया। परंतु भीड़ नहीं होने के कारण मतदान की प्रक्रिया नियमित रूप से शांतिपूर्ण तरीके से चल रही। कुछ मतदान केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिग और सैनिटाइजर का उपयोग होते देखा गया। यही नहीं आदर्श एवं मॉडल मतदान केंद्र पर सैनिटाइजर के साथ-साथ मास्क की अनिवार्यता को पूरा होते देखा गया।


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