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Maharajganj Election 2020: महाराजगंज में हेमरंजन और विजय शंकर के बीच देवरंजन की एंट्री से मुकाबला दिलचस्‍प, 54.50 फीसद हुआ मतदान

Maharajganj Assembly Election News 2020 महराजगंज विधानसभा सीट सिवान जिले का महत्‍वपूर्ण क्षेत्र है। इस बार यहां जदयू और कांग्रेस के बीच लोजपा मुकाबले को तिकोना बनाने में लगी है। लोजपा ने इस बार भाजपा के बागी प्रत्‍याशी पर विश्‍वास जताया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 12:37 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 08:49 PM (IST)
Maharajganj Election 2020: महाराजगंज में हेमरंजन और विजय शंकर के बीच देवरंजन की एंट्री से मुकाबला दिलचस्‍प, 54.50 फीसद हुआ मतदान
महराजगंज सीट से जदयू प्रत्‍याशी हेम नारायण साह, कांग्रेस प्रत्‍याशी विजय शंकर दूबे और लोजपा प्रत्‍याशी देवरंजन सिंह की तस्‍वीर

जेएनएन, सिवान। महाराजगंज सीट से जदयू ने हेमनारायण साह पर फिर से विश्वास जताया है। महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस को मिली है। यहां से कांग्रेस ने मांझी के विधायक विजय शंकर दुबे को अपना प्रत्याशी बनाया है। इन सब के बीच लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक देवरंजन पर सबकी निगाह है। क्षेत्र में राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अच्छी है। कांग्रेस ने यहां ब्राह्मण का ट्रंप कार्ड कार्ड खेला है। पूर्व में भाजपा से विधायक रहे देवरंजन सिंह की कैडर वोटरों में अच्छी पकड़ है, तो हेमनारायण साह के पास एनडीए की ढाल है। इस कारण इस सीट पर त्रिशंकु लड़ाई है। 10 नवंबर को ही स्पष्ट हो पाएगा कि महाराजगंज का महाराजा कौन बनेगा। इस सीट से कुल 27 प्रत्‍याशी मैदान में हैं। 1977 में यहां हुए पहले चुनाव में जनता पार्टी के उमा शंकर सिंह विजयी रहे। 2015 में जेडीयू के हेम नारायण ने चुनाव जीता था। मंगलवार को इस विधानसभा क्षेत्र में 54.50 फीसद मतदान हुआ।

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प्रमुख प्रत्‍याशी

हेमनारायण साह (जदयू)
विजय शंकर दूबे (कांग्रेस)
डॉ. कुमार देवरंजन (लोजपा)

प्रमुख मुद्दे
1. जिले का दर्जा :  महाराजगंज को जिला बनाने के लिए कई बार लोगों ने प्रदर्शन किया, लेकिन आज तक इसपर किसी का ध्यान नहीं गया।
2. स्टेडियम : अनुमंडल मुख्यालय स्थित इंडोर स्टेडियम देखरेख के अभाव में खंडहर बन गया है।
3. कोर्ट : जिला कोर्ट की तर्ज पर अनुमंडल में भी कोर्ट शुरू करने को ले अधिवक्ताओं के अलावा अन्य लोगों ने कई बार प्रदर्शन किया, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला।
4. शिक्षा : अनुमंडल में उच्च शिक्षा की व्यवस्था न होने पर यहां के बच्चों को सिवान या छपरा जाना पड़ता है।
5. स्टेशन : महाराजगंज में स्टेशन तो बना, लेकिन यह केवल नाम का स्‍टेशन है। यहां से एक भी एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन नहीं होता है।

वर्ष - कौन जीता - कौन हारा

2015 - हेम नारायण साह, जदयू - कुमार देव रंजन सिंह, बीजेपी

2010 - दामोदर सिंह, जदयू - माणिकचंद्र राय, राजद

2005 नवंबर - दामोदर सिंह, जदयू - उमाशंकर सिंह, राजद

2005 फरवरी - दामोदर सिंह, जदयू - उमाशंकर सिंह, राजद

2000 - उमेश्वर सिंह, एसएपी - दामोदर सिंह, निर्दलीय


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