Kalyanpur Election 2020: आमने-सामने की लड़ाई में एनडीए व महागठबंधन के प्रत्याशी कर रहे जोर-आजमाइश
Kalyanpur Election News 2020 पूर्वी चंपारण जिले की कल्याणपुर विधानसभा सीट पर एनडीए एवं महागठबंधन के बीच आमने सामने की दिखाई दे रही । बावजूद इसके कई उम्मीदवार लड़ाई को तीसरा कोण देने की कोशिश कर रहे ।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन । वर्ष 2010 में नवसृजित कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनकर पहली बार यहां के प्रतिनिधि विधानसभा पहुंचे थे। भूमिहार एवं यादव बहुल इस क्षेत्र में यह तीसरा मुकाबला है। भाजपा के विधायक सचिंद्र प्रसाद सिंह इस बार भी एनडीए के उम्मीदवार हैं। वहीं, पिछली बार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रहे मनोज कुमार यादव इस बार राजद प्रत्याशी के रूप में जोर-आजमाइश कर रहे। पिछली बार जदयू की टिकट पर रनर रहीं रजिया खातून भाजपा की सीट होने के कारण चुनाव मैदान से बाहर हैं। क्षेत्र से इस बार नौ उम्मीदवार चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे हैं। हालांकि यहां की लड़ाई एनडीए एवं महागठबंधन के बीच आमने सामने की दिखाई दे रही है। बावजूद इसके कई उम्मीदवार लड़ाई को तीसरा कोण देने की कोशिश कर रहे हैं। इस क्षेत्र में वैश्य, राजपूत एवं मुस्लिम वोटर निर्णायक की भूमिका में नजर आ रहे। इन वोटों में अधिक से अधिक पैठ बनाने वालों की राह आसान हो सकती। यहां 60.01 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी
एनडीए : सचिंद्र प्रसाद सिंह (भाजपा)
महागठबंधन : मनोज कुमार यादव (राजद)
2015 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
1. सचिंद्र प्रसाद सिंह, (भाजपा) : 50060
2. रजिया खातून (जदयू) : 385723
2010 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
1. रजिया खातून (जदयू) : 41163
2. मनोज कुमार यादव (राजद) : 25761
कुल वोटर : 253714
पुरुष वोटर : 134558
महिला वोटर : 119151
ट्रांसजेंडर वोटर : 05
जीत का गणित
कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से जुड़े कई फैक्टर हैं जो चुनावी जीत-हार का कारण बन सकते। क्षेत्र के मुद्दों पर भी लोग मुखर रहे । भाजपा के निवर्तमान विधायक सचिंद्र प्रसाद सिंह को अपने कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों पर भरोसा है। वहीं, मनोज कुमार यादव भी अपने को जमीन से जुड़ा मानते हैं। श्री यादव के पिता स्व. यमुना यादव केसरिया विधानसभा से दो-दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके। केसरिया से अलग होकर कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र बना है। इस क्षेत्र में भी उस परिवार की गहरी पैठ मानी जाती है। इस क्षेत्र में भूमिहार एवं यादव जाति की बहुलता है। दोनों प्रत्याशी इन्हीं जातियों से आते हैं। ऐसे में अन्य जातियों की भूमिका निर्णायक होती नजर आ रही है।
प्रमुख मुद्दे
1. पूरन छपरा को प्रखंड का दर्जा देने की मांग पुरानी है। अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। पूरन छपरा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति एवं प्रखंड मुख्यालय कल्याणपुर से दूरी असहज स्थिति पैदा करती है।
2. कल्याणपुर से पीपरा एवं पीपराकोठी सड़क मार्ग अपनी जर्जर स्थिति के लिए जाना जाता है। स्थिति में सुधार नहीं हो सका है। मरम्मत के नाम पर खानापूॢत होती रही है।
3. कोटवा में आज तक प्रखंड सह अंचल कार्यालय को अपना भवन नहीं है। इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी प्रखंड मुख्यालय से तीन किलोमीटर की दूरी पर एपीएचसी में संचालित होता है।
4. क्षेत्र में रोजगार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। काम की तलाश में बाहर जाने वालों का सिलसिला जारी है।