विभूतिपुर में 10 वर्षो बाद फिर वामपंथ की वापसी
विधानसभा चुनाव विभूतिपुर के लिए खासा महत्व रखता था। जहां एक ओर माकपा ने इस चुनाव से अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा हासिल की है। वहीं जदयू की लगातार तीसरी बार इस सीट को जीतने की हसरत अधूरी रह गई।
समस्तीपुर । विधानसभा चुनाव विभूतिपुर के लिए खासा महत्व रखता था। जहां एक ओर माकपा ने इस चुनाव से अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा हासिल की है। वहीं जदयू की लगातार तीसरी बार इस सीट को जीतने की हसरत अधूरी रह गई। एसएफआइ और डीवाइएफआइ से अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत करने वाले वर्तमान में माकपा राज्य सचिवमंडल सदस्य अजय कुमार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रामबालक सिंह को पराजित कर दिया। अजय ने ना सिर्फ इस चुनाव को जीतकर 10 वर्षों के बाद फिर से लालगढ़ पर कब्जा दिलाया । बल्कि, माकपा ने भी अजय कुमार के रूप में अपना अगला भविष्य स्वीकार कर लिया। चुनावी महासमर के दौरान इस सीट पर जदयू के सिटिग व दो बार से लगातार विधायक रहे रामबालक सिंह, लोजपा के प्रत्याशी और विभूतिपुर के पूर्व विधायक चंद्रबली ठाकुर व बक्सर से दो बार विधायक और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी मंजू प्रकाश चर्चा में रहे। मंजू प्रकाश के समर्थन में उनके पति रामदेव वर्मा जो इस सीट पर 6 बार विधायक रहे हैं, उन्होंने भी प्रचार-प्रसार किया। मतदान के महज कुछ हीं दिनों बाद रामदेव वर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इधर, 1985 से 1990 तक कांग्रेस के विधायक रह चुके चंद्रबली ठाकुर ने कांग्रेस का दामन छोड़ लोजपा की कमान थामी और पूरी दमदारी से चुनाव लड़ा। लेकिन, मतदाताओं को रिझा नहीं पाए। कुशवाहा बहुल क्षेत्र में उन्होंने गैर कुशवाहा मतदाताओं को गोलबंद करने की कोशिश की। लेकिन, सफल नहीं हो पाए। अन्य उम्मीदवार बस अपनी उपस्थिति मात्र दिखाते रहे।