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ऐतिहासिक शहर में जलजमाव बड़ी समस्या, लोग पूछ रहे हैं सवाल

बेतिया शहर का जुड़ाव मुगलकालीन भारतीय इतिहास से रखता है। इसकी स्थापना 1627 में बेतिया के तत्कालीन राजा उग्रसेन ने की थी। मुगल बादशाह शाहजहां ने उग्रसेन को महाराजा की उपाधि दी थी। इसके बाद यहां बेंत के जंगल की सफाई कर महाराजा उग्रसेन ने अपनी राजधानी बनाई थी और इसका नामकरण बेतिया कराया था। 1676 में बेतिया महाराज की ओर से यहां कालीबाग मंदिर बनाया था इसके बाद शहर में कई मंदिर बनाए गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 11:38 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 11:38 PM (IST)
ऐतिहासिक शहर में जलजमाव बड़ी समस्या, लोग पूछ रहे हैं सवाल
ऐतिहासिक शहर में जलजमाव बड़ी समस्या, लोग पूछ रहे हैं सवाल

बेतिया । बेतिया शहर का जुड़ाव मुगलकालीन भारतीय इतिहास से रखता है। इसकी स्थापना 1627 में बेतिया के तत्कालीन राजा उग्रसेन ने की थी। मुगल बादशाह शाहजहां ने उग्रसेन को महाराजा की उपाधि दी थी। इसके बाद यहां बेंत के जंगल की सफाई कर महाराजा उग्रसेन ने अपनी राजधानी बनाई थी और इसका नामकरण बेतिया कराया था। 1676 में बेतिया महाराज की ओर से यहां कालीबाग मंदिर बनाया था, इसके बाद शहर में कई मंदिर बनाए गए। ये सभी भारतीय संस्कृति की अमिट छाप छोड़ने के साथ -साथ मूर्तिकला के क्षेत्र में समृद्ध स्त्रोत आज भी उपलब्ध करा रहे है। बेतिया राज के जमाने का महा गिरजा घर दर्शनीय है। इतना ही नहीं बेतिया राज के रियासत के समय शहर के अंदर आधा दर्जन तालाबों का भी निर्माण कराया था। ऐतिहासिक सागर पोखरा शहर की सुंदरता में चार चांद लगा रहा है। यहां से सात किलोमीटर दूरी पर स्थित सरेयामन झील इस शहर की पहचान राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर करा रहा है। लेकिन इन विशेषताओं को संजोए इस शहर को जल जमाव की समस्या कलंकित कर रहा है। यहां जल जमाव की समस्या इतनी बड़ी है कि बरसात के दिनों में शहर में निकलना भी आसान काम नहीं है। हालांकि जल जमाव की समस्या से निबटने के लिए हाल के वषों में नालों के भी निर्माण कराए गए हैं, लेकिन नाला निर्माण इस तरह से हुआ है कि इससे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। उदाहरण के लिए एनएच 727 के दोनों ओर बनाए गए नाले का लेवल ठीक नहीं होने से यह शहर के जल निकासी माध्यम नहीं बन रहा है। इसी तरह की समस्या शहर के बानुछापर मोहल्ले में हो रही है। संत कबीर रोड के दोनों ओर जिस नाला का निर्माण कराया गया है, उसके अंतिम बिन्दू पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। यूं कहें कि जल निकासी की समस्या के समाधान के लिए यहां योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं किया गया है, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस विधान सभा क्षेत्र के लोग इस बार इसे महत्वपूर्ण मुद्दा के रूप में देख रहे हैं।

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इस शहर में जल जमाव एक बहुत बड़ी समस्या है, इससे निजात के लिए हर स्तर पर पहल करने की जरूरत है। यह समस्या बेतिया शहर की ऐतिहासिक पहचान को धुमिल कर रही है।

एनामुएल शर्मा

मतदाता

बेतिया विधान सभा क्षेत्र

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जल निकासी व्यवस्था शहर की लाइफ लाइन की तरह है, लेकिन यहां यह व्यवस्था सु²ढ़ नहीं है। इस समस्या का समाधान अति आवश्यक है।

डा. अमिताभ चौधरी

मतदाता

बेतिया विधान सभा क्षेत्र

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बेतिया विधान सभा क्षेत्र

कुल मतदाता : 284268

पुरष : 151263

महिला : 133004

थर्ड जेंडर : 01


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