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खुदनेश्वर स्थान को नहीं मिल सकी पर्यटक स्थल की सुविधाएं

मोरवा में सांप्रदायिक सौहार्द स्थली के रूप में विख्यात ऐतिहासिक खुदनेश्वर स्थान को मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद पर्यटक स्थल की सारी सुविधाएं अब तक नहीं प्राप्त हो सकी हैं। मंदिर के गर्भगृह में स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान खुदनेश्वर महादेव एवं उनकी मुसलमान भक्त महिला खुदनी बीवी की पाक मजार दोनों मात्र एक हाथ की दूरी पर अगल-बगल अवस्थित होने से यह पावन स्थल संपूर्ण संसार में अति दुर्लभ है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 11:04 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 11:04 PM (IST)
खुदनेश्वर स्थान को नहीं मिल सकी पर्यटक स्थल की सुविधाएं
खुदनेश्वर स्थान को नहीं मिल सकी पर्यटक स्थल की सुविधाएं

समस्तीपुर । मोरवा में सांप्रदायिक सौहार्द स्थली के रूप में विख्यात ऐतिहासिक खुदनेश्वर स्थान को मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद पर्यटक स्थल की सारी सुविधाएं अब तक नहीं प्राप्त हो सकी हैं। मंदिर के गर्भगृह में स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान खुदनेश्वर महादेव एवं उनकी मुसलमान भक्त महिला खुदनी बीवी की पाक मजार दोनों मात्र एक हाथ की दूरी पर अगल-बगल अवस्थित होने से यह पावन स्थल संपूर्ण संसार में अति दुर्लभ है। इस स्थल की एतिहासिक महत्ता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 12 मई 2011 को यहां का दौरा किया था। मुसलमान भक्त महिला खुदनी बीवी के गाय चराने एवं गाय द्वारा जंगल की एक झाड़ी में अवस्थित शिवलिग पर सारा दूध गिरा देने की घटना के संबंध में यहां की प्रसिद्ध कथा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने स्वयं बिहार प्रदेश के पर्यटक सचिव को सुनाई थी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उसी समय पर्यटक सचिव को इस महान पावन स्थली को अतिशीघ्र पर्यटक स्थल बनाने की घोषणा करते हुए सारी सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। बावजूद इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया था। पर्यटन विभाग द्वारा ढाई करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध कराई गई। इस राशि से स्थानीय शिवगंगा तालाब का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। शौचालय का निर्माण कराया गया है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार पर्यटक स्थल की सारी सुविधाएं अब तक उपलब्ध नहीं की जा सकी हैं। 8 वर्षो के बाद भी ना तो अब तक पर्यटक भवन बनाया जा सका है, न हीं पर्यटक केंद्र के लिए आवश्यक परिसदन का निर्माण कराया जा सका है। यात्रियों के लिए यात्री धर्मशाला का भी निर्माण अब तक नहीं कराया जा सका है। पर्यटक स्थल की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मंदिर परिसर में ताजपुर पुलिस की समय-समय तैनाती भी नहीं की जाती है। मुख्यमंत्री की घोषणा का पूरी तरह अब तक पालन हो गया होता तो पर्यटक स्थल की सारी सुविधाएं इस दुर्लभ पावन स्थली को प्राप्त हो चुकी होती। यहां सैकड़ो लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त हो सकता था। मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष इंद्रदेव शर्मा ने बताया कि पर्यटन निगम के द्वारा प्राप्त ढाई करोड़ की राशि से यदि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार सारी सुविधाएं मिल गई रहती तो यह ऐतिहासिक स्थल संपूर्ण देश का दुर्लभ एवं पावन स्थल बन चुका रहता। यहां के सैकड़ों लोगो को रोजगार भी प्राप्त हो जाता। पुजारी चंदन भारती का कहना है कि सालो भर बिहार के कई जिलों से भक्तों की भीड़ रहती है। सरकार को इस मंदिर पर ध्यान देने की जरूरत है।

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शिक्षक सह समाजसेवी अवधेश शर्मा के अनुसार बिहार का मिनी देवघर है मोरवा का खुदनेश्वर धाम मंदिर। यहां सालो भर श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। सरकार के द्वारा इसका समुचित विकास होने के बाद निश्चित ही यहां काफी संख्या में रोजगार सृजन होगा। शिक्षक कृष्ण कन्हैया झा का कहना है कि मोरवा का खुदनेश्वर धाम मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है। यहां साक्षात शिव विराजमान है। यहां लोगो की बहुत आस्था है। हम सरकार से इसके विकास के लिए मांग करते है।


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