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Govindganj Election 2020: लोजपा के गढ़ में मैदान में उतरी भाजपा ने लड़ाई को बनाया रोचक

Govindganj Election News 2020 पूर्वी चंपारण जिले की गोविंदगंज एकमात्र सीट है जहां लोजपा व भाजपा दोनों एक साथ मैदान में डटी हैं। यहां से कुल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। एनडीए से अलग हो चुकी लोजपा के सीटिंग विधायक राजू तिवारी प्रत्याशी हैं।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 09:35 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:49 PM (IST)
Govindganj Election 2020: लोजपा के गढ़ में मैदान में उतरी भाजपा ने लड़ाई को बनाया रोचक
पूर्वी चंपारण जिले की गोविंदगंज सीट से मुख्य उम्मीदवार

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। पूर्वी चंपारण जिले की गोविंदगंज एकमात्र सीट है जहां लोजपा व भाजपा दोनों एक साथ मैदान में डटी है। यहां से कुल 14 प्रत्याशी मैदान में है। एनडीए से अलग हो चुकी लोजपा के सीटिंग विधायक राजू तिवारी प्रत्याशी हैं। वहींं भाजपा से इसी जाति के सुनील मणि तिवारी व कांग्रेस से ब्रजेश पांडेय उम्मीदवार हैं। यहां जनसंघ के हरिशंकर शर्मा के बाद से कभी भाजपा का कब्जा नहीं हुआ है।

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 वहींं कांग्रेस भी 1985 के बाद से यहां जीत का स्वाद चखने के लिए व्याकुल है। राजू तिवारी के अनुज राजन तिवारी भी इस सीट से विधायक बन चुके हैं। राजन भी इस बार अपने भाई राजू को जीताने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं निर्भया कांड में निर्भया को न्याय दिलानेवालों में प्रमुख रहे कांग्रेसी पृष्ठभूमि के युवा समाजसेवी सर्वेश तिवारी के भी चुनाव मैदान में आ जाने से लड़ाई रोचक हो गई है। इस प्रकार यहां की लड़ाई चतुष्कोणीय बनती जा रही है। ब्राह्मणों के अलावा अन्य जातियों के वोट इस चुनाव में यहां से निर्णायक हो सकते हैं। यहां 54.50 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।

2020 के प्रमुख प्रत्याशी

राजू तिवारी (लोजपा)

सुनील मणि तिवारी (भाजपा)

ब्रजेश पांडेय (कांग्रेस)

निर्दलीय : सर्वेश कुमार तिवारी

2015  के विजेता उपविजेता और मिले मत

1. राजू तिवारी (लोजपा) : 74685

2. ब्रजेश कुमार (कांग्रेस) : 46765

3. नोटा : 34441

2010 विजेता उपविजेता और मिले मत

मीना द्विवेदी (जदयू) : 33859

राजू तिवारी (लोजपा) : 25454

कुल वोटर : 266958

पुरुष वोटर : 137126

महिला वोटर : 129827

ट्रांसजेंडर वोटर : 05

जीत का गणित

इस सीट से चारों प्रमुख प्रत्याशी ब्राह्मण होने के कारण अन्य जातियों की भूमिका बढ़ गई है। वैसे इस इलाके में ब्राह्मणों के बाद भूमिहार, यादव व राजपूतों की संख्या भी अच्छी खासी है। वहीं ब्राह्मण मतों का बंटवारा भी खूब हो रहा है।1985 के बाद कांग्रेस की छटपटाहट और भाजपा की काफी वर्षों बाद इंट्री और लोजपा द्वारा अपना एकमात्र गढ़ बचाने की जद्दोजहद ने लडाई को रोचक बना दिया है। वहीं कांग्रेस नेता गप्पू राय को टिकट नहींं मिलने से उनकी जाति की नाराजगी व कांग्रेसी परिवेश के सर्वेश तिवारी के मैदान में आ जाने से कांग्रेस प्रत्याशी की मेहनत बढ़ गई है। ब्राह्नण वोटों में सबसे अधिक व अन्य जातियों में पैठ रखनेवाले प्रत्याशी के लिए इस बार लड़ाई आसान हो सकती है।

प्रमुख मुद्दे :

1. चंपारण तटबंध की सुदृढ़ता : प्रत्येक वर्ष गंडक नदी में बाढ़ आने से लोगों में दहशत का आलम रहता है। बाढ़ से बचाव के लिए बनाया गया चंपारण तटबंध अब कई जगहों पर पूरी तरह जर्जर हो गया है, जिससे बाढ़ की आशंका बनी रहती है।

2.अरेराज ओपी को थाना का दर्जा : अरेराज अनुमंडल मुख्यालय स्थित अरेराज ओपी अवस्थित है। यहां पूर्ण थाने की मांग अरसे से की जाती रही है। 

3. बाढ़ विस्थापितों का पुनर्वास : प्रत्येक वर्ष गंडक तटवर्ती इलाके में रहनेवाले कई कई परिवार बाढ़ व कटाव से विस्थापित होकर यत्र-तत्र रहने को विवश होते हैं। ऐसे परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था भी यहां एक प्रमुख मुद्दा है।


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