Madhaura Election 2020: मढ़ौरा में राजद की हैट्रिक राेकने के लिए जदयू ने जिलाध्यक्ष को उतारा मैदान में, बागियों ने खड़ी की मुश्किल, 54 फीसद हुआ मतदान
Madhaura Election News 2020 मढ़़ौरा विधानसभा सीट पर कुल 22 प्रत्याशी मैदान में हैं। पिछले चुनावों में आमने-सामने रहे जितेंद्र राय व लालबाबू राय फिर मुकाबले में उतरे हैं। हालांकि लालबाबू राय बागी होकर निर्दलीय लड़ रहे हैं। जदयू ने अपने जिलाध्यक्ष को उतारा है।
जेएनएन, सारण। मढौरा विधानसभा क्षेत्र सारण लोकसभा क्षेत्र में है। वर्ष 1951 में ही अस्तित्व में आया था । कांग्रेस के टिकट पर स्वतंत्रता सेनानी रामस्वरूप देवी उर्फ बहुरियाजी विधायक चुनी गई थीं। हालांकि असमय उनका निधन हो गया। इसके बाद 1952 में कांग्रेस के ही सुखदेव नारायण मेहता जीते। पिछले चुनाव में राजद के जितेंद्र कुमार राय लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने भाजपा के लालबाबू राय को हराया था। इस चुनाव में भी जितेंद्र राय राजद के प्रत्याशी हैं। इधर राजग से जदयू के जिलाध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू मैदान में हैं। भाजपा के पूर्व विधायक लालबाबू निर्दलीय मैदान में हैं। इधर लोजपा से विनय सिंह, बसपा से अश्विनी कुमार, समेत 22 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। मंगलवार को यहां 54 फीसद मतदान हुआ।
प्रमुख प्रत्याशी
जितेंद्र कुमार राय राजद
अल्ताफ आलम राजू जदयू
विनय सिंह लोजपा
अश्विनी कुमार बसपा
लालबाबू राय निर्दलीय
प्रमुख मुद्दे
1 मिल की जमीन: चीनी मिल खत्म हो गया। अब उसकी करोड़ों की संपत्ति लावारिस पड़ी है। इसपर असामाजिक तत्वों की नजर है । फैक्ट्री के बंगले पर अवैध कब्जा है। फैक्ट्री के सारे कीमती लोहे-तांबे की चोरी हो रही है। हजारों हेक्टेयर जमीन बंजर पड़ा हुआ है। रामकोला सोनहो, अरना तरैया में चीनी मिल की जमीन पर कब्जा होता जा रहा है।
2 उच्च शिक्षा: अनुमंडल मुख्यालय मढ़ौरा है। लेकिन दो प्रखंडों को मिलाकर गठित मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नही है। इसके कारण छात्राओं को काफी परेशानी होती है। आगे की पढ़ाई के लिए जिला मुख्यालय जाने में असमर्थ छात्राओं के लिए पढाई छोडऩे की विवशता होती है।
3 बाढ़ और सुखाड़ : मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र दोनों तरफ से नदियों से घिरा है । यहां कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ का दंश लोगों को झेलना पड़ता है। नहरों व पईन अनुपयोगी पड़े हैं।
4 कोर्ट की स्थापना- मढ़ौरा को अनुमंडल बने दो दशक से अधिक हो गया। परन्तु अभी तक अनुमंडलीय सिविल कोर्ट की स्थापना नहीं हुई। जरूरी पड़ने पर लोगों को जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। कई बार इसके लिए प्रयास प्रशासनिक स्तर पर किए गए । परंतु अभी तक यह शुरू नही हुआ।
5 स्वास्थ्य : एक रेफरल अस्पताल है । यहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड के लिए लोग प्राइवेट जांच घर पर निर्भर है। स्पेशलिस्ट चिकित्सक नही है । ब्लड बैंक की सुविधा नहीं होने से कोई ऑपरेशन भी नही होता है । नरहरपुर एपीएचसी में प्रसव की सुविधा कागज में तीन साल पहले शुरू कर दी गई । परंतु चिकित्सक के अभाव में आज तक यह सुविधा क्षेत्र के महिलाओं को नहीं मिल रही है।
पिछले चुनाव में जीते हारे
वर्ष जीते हारे
2005 लालबाबू राय (निर्दलीय) जितेंद्र कुमार राय (जदयू)
2010 जितेंद्र कुमार राय, (राजद) लालबाबू राय (जदयू)
2015 जितेंद्र कुमार राय (राजद) लालबाबू राय (भाजपा)