Kumhrar Election 2020: कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र में धूप-छांव के बीच बदलती रही वोटरों की नीयत
Kumhrar Election News 2020 कुम्हरार विधानसभा सीट भाजपा के लिए आसान रही है। यहां फिलहाल भाजपा के अरुण कुमार सिन्हा प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भाजपा वाले इस बार भी अपनी जीत पक्की मानकर चल रहे हैं लेकिन महागठबंधन खेमा बदलाव की बयार चलने की बात कह रहा है।
पटना सिटी [अहमद रजा हाशमी]। कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र में मतदान का आगाज बेहद सुस्त, लेकिन दिलचस्प मोड़ लेता नजर आया। यहां युवा बनाम बुजुर्ग और समस्या बनाम बदलाव को लेकर वोटरों में कशमशक जारी रही। बेहतर की उम्मीद लिए वोटर मतदान करते दिखे। अधिकांश ने मतदान कर चुप्पी साध ली और खामोशी से घर की ओर लौटते दिखे। मतदाताओं का एक बड़ा तबका गत वर्ष बारिश के पानी में डूबे इस क्षेत्र की विनाश लीला को नहीं भूल पाया था। बोले- पानी में डूबे तब भी नहीं और उबरे तब भी, जख्म पर मरहम नहीं रखा गया। जिनका कर्तव्य था या जिन पर हम अपना अधिकार समझ रहे थे, वह भी पूछने तक नहीं आए कि हम कैसे हैं।
प्रत्याशी की अपेक्षा पार्टी पर रहीं निगाहें
वोटरों का एक वर्ग ऐसा भी था जिसने मतदाता से अधिक पार्टी को प्राथमिकता देने की वचनबद्धता दोहरायी। कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, मखनिया कुआं, मछुआ टोली, खजांची रोड, संदलपुर आदि इलाकों के वोटरों में अपेक्षाकृत कम उत्साह दिखा। बुद्धिजीवी वर्ग मतदान केंद्रों तक कम ही पहुंचे। इनका तर्क था कि बेहतर विकल्प नहीं है और पार्टी से वफादारी छोड़ नहीं सकते। ऐसे में अच्छा यही होगा कि लोकतंत्र के महापर्व पर मिली कामों से छुट्टी का मजा टेलीविजन स्क्रीन के सामने बैठक कर या फिर मोबाइल से नाते रिश्तेदारों की खबरगिरी कर लिया जाए। इस सोच से ही कुम्हरार विधान सभा क्षेत्र में वोट कर प्रतिशत कम होने का अनुमान लगता रहा।
सुबह से बदलता रहा मौसम का मिजाज
इधर मौसम का मिजाज सुबह से ही बदला नजर आ रहा था। कभी धूप तो कभी छांव के बीच मतदाताओं की नीयत अपने मत का दान करने को लेकर बदलती रही। जो तबका घर से नहीं निकला उसने बताया कि मतदान केंद्र जाने से क्या फायदा। क्षेत्र में समस्याओं की कमी नहीं है। पार्टी से चेहरा बदल कर किसी युवा को मौका दिये जाने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। प्रतिद्वंदी अपनी विचारधारा से मेल नहीं खाता। बूथ पर गया तो बेवजह गलती होने का डर है। नोटा का बटन दबाने कोई बूथ तक क्यों जाए?
कई इलाकों में लंबी दिखी मतदाताओं की कतार
इस सवाल को वहीं छोड़ कर हमने विधानसभा के अन्य क्षेत्रों का रुख किया। कुम्हरार गांव, ट्रांसपोर्ट नगर, सैदपुर, रामपुर, बाचस्पति नगर, डॉक्टर्स कॉलोनी, भूतनाथ रोड, नंद लाल छपरा, कांटी फैक्ट्री, मोहम्मदपुर लेन, शाहगंज, सुलतानगंज, अजीमाबाद कॉलोनी, पत्थर की मस्जिद, दरगाह रोड, गुलबी घाट, रमना रोड, भिखना पहाड़ी, मुसल्लहपुर हाट, बाजार समिति आदि क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार लंबी दिखी। इनमें महिलाओं की संख्या भी सराहनीय थी। मुस्लिम महिलाओं ने भी चुनाव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
मुद्दों पर बेबाकी से बात करते दिखे मतदाता
बातचीत में मतदाताओं ने बेबाकी से कहा कि सैदपुर-रामपुर का खुला नाला कई तरह की समस्याओं का केंद्र है। इसे भूमिगत कर चौड़ी सड़क बनायी जाए। कृषि उत्पादन बाजार समिति परिसर को विकसित और व्यवस्थित किया जाए। फिर बारिश से इलाका न डूबे, इसका स्थायी समाधान किया जाना आवश्यक होगा। स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में सुधार के साथ बच्चों के लिए आइटी पार्ट स्थापित किए जाने को भी कुछ वोटरों ने अपनी प्राथमिकता बतायी। वोटरों ने कहा कि सालों से यह मांग आज भी बरकरार है। इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। वोटरों की राय थी कि बदलाव के बयार से तस्वीर बदलने की उम्मीद की जा रही है। वक्त गुजरने के साथ मतदान केंद्रों पर वोटरों की कतार कभी लंबी होती तो कभी छोटी। वोटर देकर रोशनी वाली अंगुली दिखाते हुए वोटर मुस्कुराते और चुप्पी साधे अपनी राह निकल पड़ते। मानों बता रहे हों कि फैसला जजबात से नहीं दिमाग से किया है।
प्रमुख तथ्य
कुल मतदाता : 4,26,916
पुरुष मतदाता : 2,26,263
महिला मतदाता : 2,00,628
थर्ड जेंडर : 25
मतदान केंद्र : 662