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Bihar Election 2020 : पश्चिम चंपारण की रामनगर विधानसभा सीट पर इस बार भी आमने-सामने की लड़ाई की संभावना

Bihar Election 2020 थारू आदिवासी पासवान दलित शामिल हैं। ये जिनकी तरफ रहते हैं। उसकी जीत पक्की मानी जाती है। इस क्षेत्र के थारू व आदिवासी अधिकतर दोन क्षेत्र में निवास करते हैं। जो किसी भी पार्टी के जीत व हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 01:57 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 10:47 PM (IST)
Bihar Election 2020 : पश्चिम चंपारण की रामनगर विधानसभा सीट पर इस बार भी आमने-सामने की लड़ाई की संभावना
इस बार भी लड़ाई कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश राम व भागीरथी देवी में है।

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। Bihar Election 2020: पश्चिम चंपारण में रामनगर विधानसभा सीट का अपना अलग महत्व है। हालांकि यह सीट सुरक्षित है। सुरक्षित होने से पहले भी भाजपा के पाले में ही थी। इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस का काफी सालों तक दबदबा रहा था। उसके बाद 1990 में पहली बार इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी चंद्रमोहन राय ने जीत दर्ज की। पर, लालू के लहर में 1995 में इस सीट को उस समय के जनता दल ने झटक लिया था। पर, उसके बाद वर्ष 2000 से यहां लगातार भाजपा जीतती आ रही है। यूं कहे तो 1990 से लेकर 2015 तक के सात चुनाव में छह बार बीजेपी को यहां से जीत मिली है। इसलिए इसे भाजपा का गढ़ भी कहा जाता है। पिछले चुनाव में यहां से महागठबंधन के प्रत्याशी पूर्णमासी राम थे। इसके बावजूद यहां गठबंधन का समीकरण काम नहीं आया और भागीरथी देवी ने दूसरी बार विधानसभा चुनाव में अपनी जीत दर्ज कर ली थी। रामनगर क्षेत्र में 2010 में एनसीपी के सुबोध कुमार के लड़ाई में आ जाने से त्रिकोणीय लड़ाई दिखी थी। पर, उसके बाद से वह दौर दोबारा नहीं आया। जो भी मुकाबला हुआ आमने-सामने का ही हुआ है। इस बार भी लड़ाई कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश राम व भागीरथी देवी में है। हालांकि इस चुनाव में छोटे बड़े दल व निर्दलीय मिलाकर करीब एक दर्जन उम्मीदवार रामनगर से मैदान में हैं। यहां वोटिंग की प्रक्रिया संपन्न हो गई है। यहां 55  प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। 

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2020 के प्रमुख प्रत्याशी

भागीरथी देवी, भाजपा

राजेश राम, कांग्रेस

2015 में विजेता, उपविजेता और मिले मत

भागीरथी देवी (भाजपा) : 82,166

पूर्णमासी राम (कांग्रेस) : 64,178

2010 में विजेता, उपविजेता और मिले मत

भागीरथी देवी (भाजपा) : 51,993

नरेश राम (कांग्रेस) : 22,211

2005 में विजेता, उपविजेता और मिले मत

चंद्रमोहन राय (भाजपा) : 39,147

फखरूद्​दीन खान (राजद) : 38,228

कुल वोटर : 2,61,172

पुरुष वोटर : 1,38,224 ( 53 प्रतिशत)

महिला वोटर : 1,22,941 ( 46.9 प्रतिशत)

ट्रांसजेंडर वोटर : 03

(आंकड़े 2015 के विधानसभा चुनाव से)

जीत का गणित

जहां तक इस विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी की बात है तो 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल आबादी दो लाख 49 हजार 102 है। जिसमें से 80.6 फीसदी जनसंख्या गांवों में निवास करती है। करीब 19.4 फीसदी लोग लोग नगर में रहते हैं। यहां अनुसूचित जाति व जनजाति का अनुपात करीब 32.5 फीसद से उपर है। जिसमें थारू, आदिवासी, पासवान, दलित शामिल हैं। ये जिनकी तरफ रहते हैं। उसकी जीत पक्की मानी जाती है। पर, इसमें भी तोड़ फोड़ होता है। जिसके कारण इन मतों का विभाजन हो जाता है। इस क्षेत्र के थारू व आदिवासी अधिकतर दोन क्षेत्र में निवास करते हैं। जो किसी भी पार्टी के जीत व हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

प्रमुख मुद्​दे

1. इस क्षेत्र की बड़ी आबादी में सड़क व पुल पुलिया का अभाव है। हालांकि कुछ कार्य हुए हैं। पर, इससे समस्या का समाधान नहीं हो सका।

2. उच्च शिक्षा के लिए कोई संस्थान नहीं है। डिग्री कॉलेज की मांग वर्षों से उठती आ रही है। जो अबतक पूरी नहीं हो सकी है।

3. सोमेश्वर को पर्यटक स्थल बनाने की मांग काफी समय से उठ रही है। प्राकृतिक संसाधनों से क्षेत्र भरपूर है। बावजूद क्षेत्रवासियों की यह आस आज तक पूरी नहीं हो सकी। इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढे़गी।

4. नदियों पर बांध की मांग भी पुरानी है। जिससे क्षेत्र का काफी हिस्सा प्रभावित होता है। गांवों में बाढ़ का पानी घुसना व कृषि भूमि का कटाव यहां प्रत्येक वर्ष होता है। 


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