बिहार चुनाव 2020 : इस बार कहलगांव में सदानंद सिंह ने बेटे को सौंपी बागडोर
कहलगांव में कांग्रेस का ही बोलबाला रहा है। साल 1951 में यहां पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। कहलगांव में विधानसभा के अब तक 17 चुनाव हुए हैं। इस सीट पर कांग्रेस का ही बोलबाला रहा है।
भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर का कहलगांव सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह नौ बार से विधायक हैं। लेकिन इस बार वे खुद चुनावी मैदान में नहीं हैं। यहां से उन्होंने अपने पुत्र शुभानंद मुकेश को कांग्रेस के टिकट पर उतारा है। वहीं, भाजपा की ओर से यहां पर पवन यादव को टिकट दिया गया है।
साल 1951 में यहां पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। कहलगांव में विधानसभा के अब तक 17 चुनाव हुए हैं। इस सीट पर कांग्रेस का ही बोलबाला रहा है। उसे 12 चुनावों में यहां पर जीत मिली है। सबसे अधिक जीत सदानंद सिंह को मिली है।
2015 में लोजपा के नीरज मंडल को दी थी पटकनी
पिछली बार कहलगांव सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी सदानंद सिंह और लोजपा प्रत्याशी नीरज कुमार मंडल के बीच टक्कर थी। भाजपा और लोजपा ने पिछली बार मिलकर चुनाव लड़ा था ऐसे में भाजपा का प्रत्याशी नहीं था। लेकिन इस बार भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में लोजपा शामिल नहीं है ऐसे में भाजपा ने इस सीट से अपना प्रत्याशी दिया हुआ है। 2015 के चुनाव में सदानंद सिंह को 64981 वोट मिले थे और उन्होंने लोजपा प्रत्याशी नीरज कुमार मंडल को 21229 वोटों से हराया था।
इस बार का मैदान
कहलगांव विधानसभा सीट पर इस बार 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां से कांग्रेस के शुभानंद मुकेश और बीजेपी के पवन कुमार यादव प्रत्याशी हैं। इसके अलावा भारतीय समता समाज पार्टी के भागीरथ कुमार और बसपा के कृष्ण कुमार मंडल भी मैदान में हैं।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं सदानंद
सदानंद सिंह की गिनती बिहार कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है। बिहार में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बावजूद हर बार वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहते हैं। 21 मई, 1943 को जन्मे सदानंद सिंह री शैक्षणिक योग्यता बी.कॉम है। वह बिहार सरकार में सिंचाई एवं उर्जा राज्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा 2000 से 2005 तक विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष भी रहे हैं। 2011 से अब तक वह कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं।