Bihar Election 2020: टिकट बंटवारे में नीतीश ने किए कई प्रयोग, मर्जी के साथ समीकरण का भी रखा ध्यान
बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने टिकट बंटवारे में कई प्रयोग किए हैं। पुराने विधायकों की सीट बदली गई है। कुछ मर्जी से और कुछ समीकरण को ध्यान में रखकर। नए उम्मीदवार उतारे गए हैं ताकि पुराने विधायक के खिलाफ शिकायत और विद्रोह से नुकसान न हो सके।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। जदयू ने टिकट बंटवारे में इस बार कई प्रयोग किए हैं। पुराने विधायकों की सीट बदली गई है। कुछ मर्जी से और कुछ समीकरण को ध्यान में रखकर। नए उम्मीदवार उतारे गए हैं, ताकि पुराने विधायक के खिलाफ शिकायत और विद्रोह से नुकसान न हो सके। विधायकों के रिश्तेदारों को टिकट देने में तार्किक आधार का ख्याल रखा गया है। कुछ पुराने महारथियों की सीट बदली है। जैसे शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा को घोसी से जहानाबाद और मदन सहनी को गौरा बौराम से बहादुरपुर भेजा गया है।
पश्चिम चंपारण में जदयू को दो सीटें मिली हैं
सिकटा और वाल्मीकिनगर। सिकटा पहले से जदयू की सीट है। वहीं वाल्मीकिनगर सीट से पिछली बार धीरेंद्र प्रताप सिंह निर्दलीय विजयी रहे थे। इस बार वे जदयू के टिकट पर मैदान में हैैं। पूर्वी चंपारण की केसरिया सीट पिछली बार डा. राजेश कुमार को मिली थी। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को 12.28 प्रतिशत मतों के अंतर से हराया थो। इस बार जदयू ने शालिनी मिश्रा को वहां से अपना प्रत्याशी बनाया है। शालिनी अपनी विरासत की चर्चा के साथ मैदान में हैं। मधुबनी में फूलपरास जदयू का पुराना गढ़ रहा है। पार्टी ने इस बार शीला मंडल को वहां से अपना प्रत्याशी बनाया है। वे बिल्कुल नया चेहरा हैं।
विधायक की बहू को टिकट
बाबूबरही भी जदयू की सीट रही है। इस बार वहां के विधायक रहे कपिलदेव कामत की बहू मीना कामत को टिकट दिया गया है। कपिलदेव कामत अस्वस्थ चल रहे हैं। अररिया से शगुफ्ता अजीम पार्टी की प्रत्याशी हैं। वह जिला परिषद का चुनाव जीत चुकी हैैं। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैैं। मधेपुरा से जदयू के प्रत्याशी निखिल मंडल भी पहली बार चुनाव मैदान में हैैं। वह अपनी विरासत की चर्चा के साथ ही दांव आजमा रहे।
पहली बार सियासी पिच पर...
मनिहारी से शंभु सुमन पहली बार चुनाव मैदान में हैं। बेनीपुर से अपने विधायक सुनील चौधरी को बेटिकट कर जदयू ने अजय चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। वह भी पहली बार चुनावी मैदान में होंगे। कांटी से मो. जमाल भी पहली बार लड़ रहे हैैं। जीरादेई से कमला कुशवाहा, रघुनाथपुर से राजेश्वर चौहान भी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व मंत्री वृशिण पटेल के परिवार से संबंधित सिद्धार्थ पटेल को जदयू ने वैशाली से टिकट दिया है। वहीं एकमा मे चुनाव मैदान में उतरी सीता सिंह जदयू विधायक धूमल सिंह की पत्नी हैं। मढ़ौरा से लड़ रहे अल्ताफ राजू भी पहली बार मैदान में हैैं।
पिता के बाद बेटी आजमा रही भाग्य
विरासत के साथ महुआ से जदयू की टिकट पर आसमां परवीन मैदान में हैैं। उनके पिता राजद सरकार में मंत्री रहे हैैं। अलौली से साधना सदा भी पहली बार मैदान में आ रहीं। अमरपुर से जयंत राज, राजगीर से कौशल किशोर, मोकामा से राजीव लोचन नारायण, जगदीशपुर से सुष्मलता कुशवाहा, ओबरा से सुनील कुमार और डुमरांव से अंजुम आरा पहली बार चुनाव मैदान में हैैं।