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Bihar Election 2020: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन कराना जरूरी

Bihar Election 2020 राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को भी चाहिए कि वे अपने स्तर से आदर्श आचार संहिता का पूरी तरह पालन करें। प्रदेश में अब तक यदि आचार संहिता उल्लंघन के सवा सौ से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं तो इसे चिंताजनक स्थिति कही जा सकती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 02:45 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 02:46 PM (IST)
Bihar Election 2020: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन कराना जरूरी
बिहार विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता के पालन को लेकर किसी स्तर पर लापरवाही नहीं। प्रतीकात्मक

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Bihar Election 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता के पालन को लेकर किसी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए इसका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराना जरूरी है। राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को भी चाहिए कि वे अपने स्तर से इसका पूरी तरह पालन करें, लेकिन यह दुखद है कि अधिसंख्य ऐसा नहीं कर रहे हैं।

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दलों के खिलाफ त्वरित ढंग से कठोर कार्रवाई : प्रदेश में अब तक यदि आचार संहिता उल्लंघन के सवा सौ से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, तो इसे चिंताजनक स्थिति कही जा सकती है। इसके लिए जिम्मेदार प्रत्याशियों तथा दलों के खिलाफ त्वरित ढंग से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासनिक प्रबंध को लेकर निर्वाचन आयोग की सक्रियता भले ही संतोषजनक है, लेकिन स्थानीय स्तर पर भी उसी अनुरूप निर्देशों के पालन और व्यवस्था में तेजी आवश्यक है।

लोकतंत्र की शक्ति मतदाताओं में निहित ; देखा जाए तो कोरोना संकट के बीच विश्व में होने वाली यह सबसे बड़ी चुनावी कवायद है। इस पर पूरे विश्व समुदाय की नजर है। स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, नियम अनुपालन से युक्त और कोरोना सुरक्षित चुनाव कराने के लिए सरकारी मशीनरी और राजनीतिक दलों की भूमिका अहम है। लोकतंत्र की शक्ति मतदाताओं में निहित है। उनमें इस बात का विश्वास पैदा करने की कोशिश होनी चाहिए कि वह मतदान के दिन सुरक्षित तथा स्वतंत्र रूप से अपना वोट डालने बूथ पर पहुंच सकते हैं। इसके लिए सुनिश्चित करना होगा कि धनबल-बाहुबल के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित नहीं किया जा सके। किसी भी चुनाव में पर्यवेक्षकों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। उन्हें सभी व्यवस्थाओं की सूक्ष्मता से समीक्षा करते हुए जहां भी कमी दिखे उसे दूर करने का त्वरित प्रयास करना होगा।

स्थानीय स्तर पर चुनाव कार्य में लगे अधिकारी एवं कर्मचारी : निर्वाचन आयोग ने यदि उनको स्थानीय चुनाव मशीनरी के मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक की भूमिका के निर्वहन का सुझाव दिया है, तो उन्हें ईमानदारी से ऐसा करना चाहिए। पर्यवेक्षकों का दायित्व है कि स्थानीय स्तर पर उत्पन्न होने वाली प्रत्येक समस्याओं का त्वरित निदान करें। इसी तरह स्थानीय स्तर पर चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी पूरी सक्रियता के साथ अपने दायित्वों को ईमानदारी से निभाना होगा। उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि स्थानीय स्तर पर वे ही निर्वाचन आयोग का चेहरा हैं। उनके कार्य-व्यवहार के आधार पर ही आयोग की निष्पक्षता का आकलन किया जाएगा।


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