Bihar Election 2020: नीतीश से नाराज चिराग कॉल नहीं उठा रहे, सीएम ने रामविलास का हाल जानने को लगाए 10 कॉल
Bihar Assembly Election 2020 सीएम नीतीश कुमार से लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की नाराजगी एक दिन की नहीं है। पहले जब चिराग नीतीश कुमार को कॉल करते थे तब नीतीश की जगह उनके सचिव कॉल रिसीव करते थे। चिराग को इस बात का दुख था।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Election 2020: लोजपा (LJP) अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से ऐसे नाराज हैं कि उनका फोन कॉल भी रिसीव नहीं कर रहे हैं। चार अक्टूबर को चिराग पासवान ने पिता व लोजपा के संस्थापाक राम विलास पासवान की तबीयत के बारे में ट्वीट कर कहा था कि अचानक देर रात उनके दिल का ऑपरेशन करना पड़ा। जरुरत पड़ने पर संभवत: एक हफ्ते बाद एक और ऑपरेशन कराना पड़ सकता है। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की तबीयत के बारे में जानने के लिए चिराग को कम-से-कम दस कॉल किए। मगर, चिराग ने उनके कॉल रिसीव नहीं किए। बता दें कि राम विलास पासवान पिछले पखवाड़े से दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार चिराग को फोन कर पिता की तबीयत के बारे में जानकारी ली। पीएम मोदी ने खुद डॉक्टरों से भी बात की। इसके लिए चिराग ने ट्वीट कर इस मुश्किल घड़ी में साथ खड़े होने के लिए उनका आभार भी जताया।
चिराग की नाराजगी एक दिन की नहीं
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार से चिराग की नाराजगी एक दिन की नहीं है। वे हमेशा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार और फोन पर मुख्यमंत्री से बात नहीं हो पाने को लेकर हमेशा असहज रहे हैं। बात उन दिनों की है, जब नीतीश एनडीए (NDA) से अलग थे। चिराग के संसदीय क्षेत्र जमुई के सरकारी अधिकारी उन्हें तरजीह नहीं देते थे। क्षेत्र के विकास से संबंधित बैठकों में भी अधिकारी नहीं आते थे। चिराग को बुरा लगता था। कुछ न बिगाड़ पाने की विवशता की वजह से कुछ बोल नहीं पाते थे। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के प्रति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य सरकार का रवैया हमेशा सकारात्मक रहा। पासवान को कभी राज्य सरकार से शिकायत नहीं हुई।
चिराग की सीएम से फोन पर भी बात नहीं होती थी
चिराग खुद स्वीकार करते हैं कि उनसे मुख्यमंत्री की टेलीफोन पर भी बातचीत नहीं होती थी। उनके पत्र के जवाब तो दूर, प्राप्ति की सूचना तक नहीं दी जाती थी। धीरे-धीरे चिराग की तल्खी बढ़ी। राज्य सरकार पर उनका जुबानी हमला तेज हुआ। नीतीश ने कभी उनकी गतिविधियों को गंभीरता से नहीं लिया।
उसके बाद चिराग ने सीएम को कॉल नहीं किया
नीट परीक्षा के मामले में चिराग मुख्यमंत्री से बातचीत करना चाहते थे। वे जानना चाहते थे कि इस परीक्षा को टालने या निर्धारित समय पर आयोजित करने के बारे में सरकार का क्या रुख है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में फोन किया। मुख्यमंत्री के बदले उनके एक सचिव से बातचीत हुई। यह सितंबर के पहले सप्ताह की बात है। उसके बाद चिराग का कोई कॉल मुख्यमंत्री निवास नहीं पहुंचा।