Chainpur Election 2020 : भभुआ जिले की चैनपुर सीट पर हमेशा टक्कर में रही बसपा, भाजपा के साथ हुआ मुकाबला
Chainpur Election News 2020 भभुआ जिले के अंतर्गत चैनपुर विधानसभा क्षेत्र का इलाका भौगोलिक दृष्टिकोण से काफी दुर्गम है। इस इलाके के लोगों की समस्याएं भी कम नहीं हैं। खासकर पहाडी इलाके के लोगों को विकास का समुचित लाभ अब तक नहीं मिल सका है।
चैनपुर का समीकरण कर रहा बेचैन
भभुआ जिले की सबसे बड़ी विधानसभा सीट चैनपुर है। इसमें चैनपुर, चांद, अधौरा व भगवानपुर प्रखंड शामिल हैं। यहां वर्ष 2015 में भाजपा और बसपा की जोरदार टक्कर हुई थी, जिसमें भाजपा की जीत लगभग 600 वोट से हुई। इस बार भी दोनों चेहरे फिर मैदान में हैं। महागठबंधन भी चुनाव मैदान में है। इस बार आजाद समाज पार्टी व एक निर्दलीय उम्मीदवार के मैदान में आ जाने से यहां की लड़ाई काफी रोमांचक हो गई है। यहां वर्ष 2015 में भाजपा और बसपा दोनों को 58 हजार के आसपास वोट मिले थे। वर्तमान विधायक व खनन मंत्री बृज किशोर बिंद एक बार फिर भाजपा के टिकट पर राजग प्रत्याशी हैं। वर्ष 2009 के उपचुनाव से ये लगातार 2015 तक चैनपुर के विधायक रहे हैं। वर्ष 2000 में इन्होंने भभुआ विधानसभा की सीट पर बसपा से चुनाव भी लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद चैनपुर से वर्ष 2005 में भाजपा से चुनाव पहली बार लड़े, लेकिन इसमें भी हार गए। 2009 के उपचुनाव में इन्हें जीत मिली। तब से वह विधायक बन रहे हैं।
बसपा ने इस सीट से मो. जमां खां को प्रत्याशी बनाया है। वे तीन बार चुनाव भी लड़े हैं। पिछले वर्ष 2015 में काफी कम मतों से उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी। एक बार कांग्रेस के टिकट पर भी उपचुनाव में भाग्य आजमा चुके हैं। महागठबंधन से कांग्रेस के प्रकाश सिंह मैदान में हैं। वर्तमान में ये कांग्रेस की प्रदेश किसान सेल के महासचिव भी हैं। वहीं निर्दलीय नीरज पांडेय के आने से मुकाबला कड़ा हो गया है। इस बार आजाद समाज पार्टी के दीवान अरशद हुसैन खां भी ताल ठोक रहे हैं।
प्रमुख प्रत्याशी - आज यहां मतदान हाे गया।
1. बृज किशोर बिंद, भाजपा
2. मो. जमां खा, बसपा
3. प्रकाश सिंह, कांग्रेस
4. नीरज पांडेय, निर्दलीय
प्रमुख तथ्य
मतदाताओं की संख्या- 3,07,795
पुरुष मतदाता - 1,61,516
महिला मतदाता - 1,46,273
अन्य - 6
कुल मतदान केंद्र - 479
प्रमुख मुद्दे
1. सड़क - चैनपुर विधानसभा का सबसे बड़ा मुद्दा सड़क है। यहां अधौरा व चैनपुर प्रखंड के कई गांवों में सड़क नहीं है। लोग पैदल ही पहाड़ी रास्तों से आते-जाते हैं। बीमार लोगों को खाट पर लेकर ही अस्पताल आना पड़ता है।
2. स्वास्थ्य - स्वास्थ्य व्यवस्था भी यहां बदहाल है। चैनपुर, चांद, खरिगांवा, बखारी देवी, अधौरा आदि स्थानों पर स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन इनमें चिकित्सकों की घोर कमी है। अधौरा के किसी सुदूर गांवों में दुर्घटना हो जाए तो उसके लिए पास में कहीं स्वास्थ्य केंद्र नहीं मिल सकता। अधौरा या जिला मुख्यालय भभुआ ले जाने के दौरान गंभीर होगा तो उसकी जान तक चली जाएगी।
3. नेटवर्क - आधुनिक युग में भी चैनपुर विधानसभा के कई गांवों में नेटवर्क की सुविधा नहीं है। अधौरा प्रखंड के लोग गांव से बाहर बधार में निकल कर नेटवर्क तलाशते हैं। नेटवर्क की सुविधा नहीं होने से पुलिस व प्रशासन को भी अपने कार्य करने में कई तरह की परेशानी होती है। सूचनाओं का आदान प्रदान करना इस विधानसभा में काफी कठिन काम है।
4. पेयजल - लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए चलाई गई नल-जल योजना यहां कोई लाभ नहीं पहुंचा ही नहीं। यहां नल जल योजना का काम मैदानी क्षेत्रों में ही पूरा नहीं हो सका, पहाड़ी क्षेत्रों की बात कौन करें। आज भी चैनपुर प्रखंड के पहाड़ी क्षेत्र के लोग और अधौरा के लोग पानी के लिए काफी दूरी तय कर पेयजल लाते हैं। गांवों में सरकारी चापाकल भी नहीं है। जहां है वहां भू जल स्तर काफी नीचे है। इसके चलते पेयजल की समस्या गंभीर है।
5. बिजली - चैनपुर विधानसभा में पडऩे वाले अधौरा प्रखंड में सिर्फ पांच गांवों में बिजली है। शेष लगभग 90 गांवों में सोलर लाइट से बिजली की व्यवस्था बनाई गई है। जो ग्रामीणों को बहुत लाभ नहीं पहुंचा रही। बिजली की सुविधा नहीं रहने से यहां के ग्रामीण आज भी अपने को उपेक्षित समझते हैं।
वर्ष - कौन जीता - कौन हारा
2015 - बृज किशोर बिंद,भाजपा - मो. जामा खान,बसपा
2010 - बृज किशोर बिंद,भाजपा - डॉ. अजय आलोक,बसपा
2005 नवंबर - महाबली सिंह, राजद - बृज किशोर बिंद,भाजपा
2005 फरवरी - महाबली सिंह, राजद - बृज किशोर बिंद,बसपा