Bihar Chunav 2020: परिणाम से तय होगा बिहार में कांग्रेस का भविष्य, राहुल के लिए भी महत्वपूर्ण
Bihar Chunav 2020 महागठबंधन की छतरी के नीचे कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव मैदान में है। इसके पहले 2015 में उसने 41 सीटों पर जोर आजमाइश की थी। तब 27 सीटें कांग्रेस के खाते में जरूर आई परन्तु उसके वोट प्रतिशत में आशा के अनुरूप वृद्धि नहीं हुई।
पटना [ सुनील राज ]। Bihar Chunav 2020 राज्य में विधानसभा चुनाव के पटाक्षेप का वक्त नजदीक आता जा रहा है। सात नवंबर को अंतिम चरण के मतदान के बाद अब 10 नवंबर को परिणाम आने के साथ ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। तमाम दल दावे कर रहे हैं कि मतदाताओं ने पार्टी के नाम पर उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। 10 नवंबर को ईवीएम भी इसकी गवाही देंगे। बिहार में सरकार बनाने के तमाम दलों के दावे के बीच एक हकीकत यह भी है कि बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम इस बार कांग्रेस के भविष्य की कहानी भी लिखेंगे। दूसरे तमाम दलों के साथ ही कांग्रेस भी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर आशान्वित नजर आती है। भरोसा है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की देखरेख में हुए चुनाव के परिणाम पार्टी का 'संजीवनी' दे सकते हैं।
70 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस
महागठबंधन की छतरी के नीचे कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव मैदान में है। इसके पहले 2015 में उसने 41 सीटों पर जोर आजमाइश की थी। तब 27 सीटें कांग्रेस के खाते में जरूर आई परन्तु उसके वोट प्रतिशत में आशा के अनुरूप वृद्धि नहीं हुई। उसे 6.66 फीसद वोट हासिल हुए है। विश्लेषक भी मानते हैंं कांग्रेस के जीत की कहानी राजद-जदयू के वोटरों ने लिखी। कांग्रेस के पारंपरिक मतदाता पार्टी के साथ खड़े नजर नहीं आए। बीते 15 वर्षों में कांग्रेस का प्रदर्शन भी यह तस्दीक करता है कि पार्टी चाहकर भी बिहार में कुछ खास नहीं कर पाई है। पार्टी ने फरवरी 2005 में 84 सीटों पर चुनाव लड़ा और 10 सीटें जीती। महज पांच फीसद मतदाताओं ने कांग्रेस पर भरोसा जताया। उसी साल अक्टूबर 2015 के चुनाव में कांग्रेस ने 51 सीटें लड़कर नौ पर जीत हासिल की। अक्टूबर में कांग्रेस का वोट प्रतिशत मामूली बढ़ा। तब पार्टी को 6.09 फीद वोट हासिल हुए थे।
इस चुनाव में बेहतर परिणाम की उम्मीद
2010 के चुनाव में कांग्रेस ने 243 सीटों पर किस्मत आजमाई और मात्र चार सीटें ही जीत पाई। 2010 में कांग्रेस के खाते में 8.37 फीसद वोट आए। पार्टी के प्रवक्ता राजेश राठौर कहते हैं कि 2014 में विधान परिषद में हमारी ताकत शून्य हो गई थी। लेकिन शिक्षक और स्नातक सीट जीतकर हमने ऊपर आने का जो सिलसिला शुरू किया। वह 2015 के विधानसभा चुनाव में परिणाम दिखा। इस बार कांग्रेस और बेहतर प्रदर्शन करने जा रही है और यह सिलसिला निरंतर चलता रहेगा।
राहुल गांधी ने की आठ सभाएं
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी बिहार विधानसभा चुनाव से काफी उम्मीद है। उन्होंने 8 सभाएं की हैं। लोकसभा चुनाव-2019 में करारी हार के बाद राहुल गांधी को एक जीत की तलाश है। अगर कांग्रेस का बिहार में अच्छा प्रदर्शन होता है तो कांग्रेसी इसका श्रेय राहुल गांधी को देंगे।