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Munger Election 2020: वोटों का विखराव रोकने वाला बनेगा मुंगेर का बाजीगर, 15 प्रत्‍याशी हैं यहां

Bihar Assembly Election 2020 Munger Election News 2020 मुंगेर विधानसभा में इस बार 15 प्रत्‍याशी चुनाव मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच रहा। राजद ने अपने सीटिंग विधायक विजय कुमार विजय का टिकट काट कर अविनाश कुमार विद्यार्थी को उतारा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 12:24 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 07:40 PM (IST)
Munger Election 2020:  वोटों का विखराव रोकने वाला बनेगा मुंगेर का बाजीगर, 15 प्रत्‍याशी हैं यहां
मुंगेर विधानसभा के राजद प्रत्‍याशी अविनाश कुमार विद्यार्थी और भाजपा के प्रणव कुमार।

मुंगेर, जेएनएन। योगनगरी के नाम से मशहूर मुंगेर में 28 अक्टूबर को मतदान हुआ। इस बार मुंगेर विधानसभा क्षेत्र से कुल 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच हुआ। राजद ने इस बार अपने सीटिंग विधायक विजय कुमार विजय का टिकट काट कर अविनाश कुमार विद्यार्थी को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, भाजपा ने एक बार फिर से प्रणव कुमार पर भरोसा जताया है। दोनों प्रत्याशी के साथ ही कई अन्य प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में डटे हैं। ऐसे में जो वोटों का बिखराव रोकने में कामयाब होगा, जीत उसे ही मिलेगी। वहीं, मतदान से एक दिन पहले दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस-पब्लिक के बीच हुई झड़प का असर भी चुनाव पर देखा गया। यहां कुल इस बार 55 फीसद लोगों ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

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प्रमुख प्रत्याशी

अविनाश कुमार विद्यार्थी उर्फ मुकेश यादव राजद उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। राजद प्रत्याशी के पक्ष में फिलहाल माइ (मुस्लिम और यादव) समीकरण फिलहाल गोलबंद नजर आ रहा है। कोरोना संकट के दौरान पूरे विधानसभा क्षेत्र को सैनिटाइज कराने और लालू राशन के नाम से खाद्यान्न वितरण का भी लाभ भी राजद प्रत्याशी को मिल रहा है। वहीं, बरियारपुर प्रखंड के स्थानीय निवासी होने का असर भी दिख रहा है।

प्रणव यादव : प्रणव यादव भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। 2015 के चुनाव में प्रणव यादव को 72 हजार 851 मत मिले थे। वे महज चार हजार मत के अंतर से जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन के बैनर तले चुनाव मैदान में उतरे राजद प्रत्याशी विजय कुमार विजय से चुनाव हार गए। इस बार भी उनकी स्थिति मज‍बूत है।

सुबोध वर्मा : रालोसपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। सुबोध वर्मा मुंगेर नगर निगम की मेयर रूमाराज के पति हैं। बीते चुनाव में भी सुबोध वर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे। सुबोध को 4008 मत मिले। सुबोध को मिले मत भाजपा प्रत्याशी की हार की मुख्य वजह बन गई थी। इस बार सुबोध वर्मा रालोसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं।

कंचन गुप्ता : जदयू महिला प्रकोष्ठ की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्य महिला आयोग की सदस्य रह चुकी कंचन गुप्ता टिकट नहीं मिलने के कारण बागी होकर  निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़ी हैं। तेली जाति से आने वाली कंचन गुप्ता का अपनी जाति और महिलाओं के बीच अच्छी पकड़ मानी जा रही है। कंचन भी एनडीए प्रत्याशी के लिए मुसबीत बन सकती हैं।

फैसल अहमद रूमी  : फैसल अहमद रूमी पप्पू यादव की जनाधिकार पार्टी से उम्मीदवार हैं। फैसल अहमद रूमी के चुनाव मैदान में उतरने से महागठबंधन के प्रत्याशी की परेशानी बढ़ गई है।

मु. मोकीम एनसीपी : मु. मोकीम एनसीपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। एनसीपी उम्मीदवार भी अल्पसंख्यक बहुल्य इलाके में लगातार जन संपर्क अभियान चला रहे हैं। मोकीम भी महागठबंधन के उम्मीदवार की परेशानी बढ़ा सकते हैं।

बीते चुनाव का मुकाबला - 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा (राजग) और जदयू, राजद एवं कांग्रेस गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। इस चुनाव में राजद के विजय कुमार विजय (77,216) ने भाजपा के प्रणव यादव (72,851) को पराज‍ित किया था।

इस बार का मुकाबला - इस बार भी एनडीए और महागठबंधन के बीच आमने सामने की लड़ाई रही। एनडीए और महागठबंधन की लड़ाई में रालोसपा उम्मीदवार सुबोध वर्मा, जदयू से बागी होकर निर्दलीय मैदान में उतरी कंचन गुप्ता भी अलग अलग कोण बनाने का प्रयास की । एनसीपी के मु. मोकीम और जाप के उम्मीदवार फैसल अहमद पर नजरें रहेगी। ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा राजद के बीच आमने-सामने के मुकाबले में जो वोट का विखराव रोकने में सफल होगा, जीत उसे ही मिलेगी।  

मुददा क्‍या है - चुनाव में स्‍थानीय स्तर पर मेडिकल कालेज अहम मुद्दा है। सबसे अधिक अहम मुद्दा नीतीश और तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का है। मतदाता इसी मुद्दे पर अलग अलग खेमे में गोलबंद हो रहे हैं।


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