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Bihar Assembly Election: राघोपुर में अबतक नहीं खिला कमल, तेजस्वी यादव के लिए सीट बचाने की चुनौती

राघोपुर विधानसभा सीट से विधायक तेजस्वी यादव एकबार फिर यहीं से ताल ठोंक रहे हैं। उनके मुकाबले राजग ने पूर्व विधायक भाजपा के प्रत्याशी सतीश कुमार को उतारा है। लोजपा के ई राकेश रौशन यहां चुनाव को त्रिकोणात्मक बनाने में जुटे हुए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 03:58 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 03:58 PM (IST)
Bihar Assembly Election: राघोपुर में अबतक नहीं खिला कमल, तेजस्वी यादव के लिए सीट बचाने की चुनौती
सदन में नेता प्रतिपक्ष व महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव। जागरण आर्काइव।

रवि शंकर शुक्ला, हाजीपुर। गंगा की गोद में बसा राघोपुर राज्य के वीआइपी सीटों में शुमार है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से लेकर राबड़ी देवी और उनके पुत्र तेजस्वी यादव भी यहां का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। एक बार फिर तेजस्वी यादव यहां से मैदान में हैं। उनके मुकाबले राजग ने पूर्व विधायक भाजपा के प्रत्याशी सतीश कुमार को उतारा है। लोजपा के ई राकेश रौशन यहां चुनाव को त्रिकोणात्मक बनाने में जुटे हुए हैं। वैसे यहां 15 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। 

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लालू प्रसाद दो बार और राबड़ी देवी भी दो बार जीते

राघोपुर को राजद का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। यहां से लालू प्रसाद दो बार और राबड़ी देवी भी दो बार जीत हासिल कर चुकी हैं। पिछले चुनाव में तेजस्वी यादव ने भाजपा के सतीश कुमार को हराया था। सतीश कुमार 2010 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में राबड़ी देवी को हरा कर विधायक बने थे। अगले चुनाव में टिकट नहीं मिली तो वे भाजपा में शामिल हो गए। लेकिन उन्हें काफी बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। 

1972 में आखिरी बार कांग्रेस के खाते में गई सीट 

इतिहास पर गौर करें तो राघोपुर विधानसभा सीट के लिए 20 बार आम चुनाव और एक उपचुनाव हो चुके हैं। सन 1972 में आखिरी बार कांग्रेस के खाते में यह सीट गई थी। तब से कांग्रेस यहां के परिदृश्य से गायब है। यहां उदय नारायण राय उर्फ भोला राय तीन बार विधायक चुने गए। लालू प्रसाद के बेहद करीबी माने जाने वाले भोला राय अब जदयू के साथ हैं। भोला राय ने ही 1995 में अपनी सीट लालू प्रसाद के लिए खाली कर दी थी। 

राघोपुर में आज तक नहीं खिल सका है कमल

राघोपुर विधानसभा चुनाव के इतिहास में आज तक कमल नहीं खिल सका है। 2010 में जदयू के टिकट पर राबड़ी देवी को हराकर चुनाव जीतने वाले सतीश कुमार को 2015 के चुनाव में जदयू ने टिकट से वंचित कर दिया था। तब महागठबंधन में तेजस्वी प्रसाद यादव को उम्मीदवार बनाया था। तब यहां से भाजपा ने सतीश को तेजस्वी के मुकाबले चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि, सतीश को हार का सामना करना पड़ा एवं कमल यहां नहीं खिल सका। 

वर्ष                             दल                        जीते


1952                       कांग्रेस              हरिवंश नारायण सिंह

1957                       कांग्रेस           हरिवंश नारायण सिंह 

1962                       एसओसी              देवेंद्र सिंह 

1967                        जनसंघ           हरिवंश नारायण सिंह 

1969                        कांग्रेस              रामवृक्ष राय 

1972                        एसओपी         बाबूलाल शास्त्री 

1977                       जनता पार्टी      बाबूलाल शास्त्री

1980                      जनता पार्टी सो.    उदय नारायण राय 

1985                      लोकदल              उदय नारायण राय 

1990                     जनता दल            उदय नारायण राय 

1995                     जनता दल             लालू प्रसाद 

2000                     राजद                    लालू प्रसाद 

2005 फरवरी            राजद                   राबड़ी देवी 

2005 अक्टूबर           राजद                  राबड़ी देवी

2010                      जदयू                  सतीश कुमार 

2015                      राजद                  तेजस्वी प्रसाद यादव


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