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Bihar Assembly Election 2020: विकास के मुद्दे पर इस बार के चुनाव में मतदाता को करना चाहिए वोट

दैनिक जागरण ने स्थानीय झाझा पब्लकि स्कूल में पैनल डिस्कसन कार्यक्रम का आयोजन किया। चर्चा के दौरान कई लोग नीतीश के कार्यकाल से खुश दिखे तो कई ने नीतीश कुमार को घमंडी मुख्यमंत्री तक कह दिया। हालांकि इस दौरान नीतीश कुमार के पहले शासनकाल की सराहना की।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 11:47 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 11:47 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020: विकास के मुद्दे पर इस बार के चुनाव में मतदाता को करना चाहिए वोट
दैनिक जागरण के पैनल डिस्कसन में अपनी बात रखते लोग

जमुई, जेएनएन। विधानसभा चुनाव के तपिश दिन व दिन बढ़ती जा रही है। नेताओं से लेकर कार्यकताओं का दौरा क्षेत्र में जोर-शोर से प्रारंभ हो गई हैं। एनडीए व महागठबंधन ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया है। एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार रह रहे हैं। या यूं कहें कि एनडीए नीतीश कुमार तक ही सिमट गई है। इस बार लाओ बनाम हटाओ का मुद्दा है। इसी मुद्े पर रविवार को दैनिक जागरण ने स्थानीय झाझा पब्लकि स्कूल में पैनल डिस्कसन कार्यक्रम का आयोजन किया। चर्चा के दौरान कई लोग नीतीश के कार्यकाल से खुश दिखे तो कई ने नीतीश कुमार को घमंडी मुख्यमंत्री तक कह दिया। हालांकि इस दौरान नीतीश कुमार के पहले शासनकाल की सराहना की। जबकि दूसरे एवं तीसरे कार्यकाल को अफसरसाही की सरकार बताया। लालू प्रसाद यादव के पन्द्रह साल के शासनकाल को नीतीश कुमार के पन्द्रह साल के शासन की तुलना किया। विकास कार्य पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने की बात सामने आई। नीतीश कुमार के शराबबंदी के निर्णय को लोगों ने सराहा। वहीं शराबबंदी के बावजूद गांव एवं शहर में शराब मिलने की बात कही गई। उद्योग घंघे नहीं लगने का मलाल है। नीतीश के कई फैसले पर मतदाताओं ने अपनी सहमति प्रदान की। मुख्यमंत्री द्वारा नल जल योजना, आश्रय स्थल योजना आदि कई योजना का उद्धघाटन करने के मामले पर अंगुली उठाया। लोगों ने कहा कि जो कार्य अधुरा पड़ा हुआ है ,वैसे योजना का उद्धघाटन हो गया है। नीतीश कार्यकाल के पूर्व शासन काल के कार्यकाल की चर्चा कर लोग आज भी सिहर उठते है।

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नीतीश कुमार बिहार के चर्चीत चेहरे के अलावा अंतराष्ट्रीय चेहरे के रूप में इनकी पहचान है। 20 साल पहले का इतिहास क्या था। अभी का इतिहास क्या है। बिहार में संसाधन, व्यवस्था का घोर अभाव था। अपराध चरम पर थे। नीतीश कुमार के आते ही विकास को गति मिली तो अपराधी सलाखों के पीछे गया। विकास को देख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करती है। नीतीश का कार्यकाल सराहनीय है।

-राकेश कुमार ङ्क्षसह, अध्यक्ष जमुई जिला चेम्बर ऑफ कॉमर्स, झाझा।

शराबबंदी कानून लाकर समाज को सुधारने का कार्य नीतीश कुमार ने किया। जिसका असर युवाओं पर देखने को मिल रहा है। आगे की पीढ़ी भी इसका फायदा लेगा। नीतीश कुमार के फैसले स्वागत योग रहे है। बिहार के लिए बेहतर मुख्यमंत्री का रहना जरूरी है। बिहार को आगे ले जाने में नीतीश का बहुत बड़ा योगदान रहा है। -कालीकांत साव, महासचिव कानू समाज।

अंहकारी मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार की पहचान है। ऐसा कोई सगा नहीं जिसको नीतीश कुमार ने ठगा नही। बालू बंद कर गरीब के रोजगार को छीन लिया गया। मजदूर आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं, तो कई मजदूर दूसरे राज्य पलायन कर रहे है। मुजफरपुर में चमकी बुखार की घटना आज भी लोगो के जेहन में है। इनके कार्यकाल में स्वास्थ्य, शिक्षा, अपराध चरम पर रहा।

-गौरव ङ्क्षसह राठौर, समाजसेवी।

नीतीश कुमार का प्रथम कार्यकाल काफी सराहनीय रहा। बिहार की जनता को अपराध पर काबू करने के अलावा विकास को गति देने का कार्य किया। लेकिन उसके बाद के दूसरा एवं तीसरा का कार्यकाल बिहार के लिए सही नहीं रहा। नीतीश कुमार की इच्छा शक्ति समाप्त सी हो गई। विकास में लूट मची हुई है तो से अपराध चरम पर है। -ङ्क्षपटू झा, महासचिव जमुई जिला चेम्बर ऑफ कॉमर्स, झाझा।


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