Move to Jagran APP

Bihar Election 2020: पटना विश्वविद्यालय- इसने बिहार को दिए 16 मुख्यमंत्री, 60 साल रहा यहां के छात्रों का ही राज

Bihar Assembly Election 2020 श्रीकृष्ण सिंह से लेकर नीतीश कुमार तक लंबी लिस्ट है पटना विश्‍वद्यिालय से निकले मुख्‍यमंत्रियों की। 73 साल में 60 साल तक पीयू के छात्रों ने ही बिहार पर राज किया है। पटना विश्‍वविद्यालय के ऐसे धुरंधरों को जानिए इस खास खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 10:21 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 10:25 AM (IST)
Bihar Election 2020: पटना विश्वविद्यालय- इसने बिहार को दिए 16 मुख्यमंत्री, 60 साल रहा यहां के छात्रों का ही राज
वर्तमान मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एवं पहले मुख्‍यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह। फाइल तस्‍वीर

पटना, जयशंकर बिहारी। Bihar Assembly Election Flashback: बिहार में अब तक मुख्यमंत्री (CM) की कुर्सी पर 23 नेता पहुंचे हैं। इनमें 16 पटना विश्वविद्यालय (PU) के पूर्ववर्ती छात्र हैं। 73 साल में 60 साल तक पीयू के छात्रों ने ही बिहार पर राज किया है। पांच साल तक कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में राबड़ी देवी को छोड़ दें तो सभी पीयू के ही धुरंधर नेता रहे हैं। पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह (Srikrishna Singh) और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) दोनों पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के छात्र रहे हैं। केबी सहाय, सतीश कुमार सिंह, बीपी मंडल, दारोगा प्रसाद राय, डॉ. जगन्नाथ मिश्र, चंद्रशेखर सिंह, भागवत झा आजाद, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, लालू प्रसाद यादव आदि पटना विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं।

loksabha election banner

सर्वाधिक काल तक सीएम रहे श्रीकृषण सिंह

राज्य में सबसे ज्यादा दिनों तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड श्रीबाबू के पास है। आजादी से लेकर 1961 तक लगातार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्यकाल सबसे लंबा रहा है। 23 में से महज 13 मुख्यमंत्री ही साल भर से अधिक का कार्यकाल पूरा कर सके हैं। 10 मुख्यमंत्री 365 दिनों से भी कम समय के लिए कुर्सी पर बैठ सके। नीतीश कुमार तत्कालीन बिहार इंजीनियिरंग कॉलेज के विद्यार्थी थे। 2004 में इसे एनआइटी का दर्जा दे दिया गया।

बीएचयू व एएमयू के छात्र भी बने मुख्‍यमंत्री

राज्य में तीन बार अल्प अवधि के लिए मुख्यमंत्री बने सादगी और ईमानदारी के प्रतीक भोला पासवान ने बनारस हिंदु विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी से शास्त्री की डिग्री हासिल की। मार्च 1972-जनवरी 1973 तक मुख्यमंत्री रहे केदार पांडे ने एमएसी और एलएलबी की पढ़ाई बीएचयू से की। जुलाई 1973 से अप्रैल 1975 तक मुख्यमंत्री रहे अब्दुल गफूर की प्रारंभिक पढ़ाई पैतृक जिले गोपालगंज में हुई। मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई पटना से करने के बाद उच्च शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) से प्राप्त की। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने 1966 में गया कॉलेज, गया (मगध विश्वविद्यालय) से स्नातक की उपाधि ली।

डॉ. जगन्नाथ मिश्रा सबसे पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री

राज्य में अब तक बने मुख्यमंत्रियों में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले डॉ. जगन्नाथ मिश्रा इकलौते हैं। उन्होंने टीएनबी कॉलेज भागलपुर से बीए ऑनर्स किया। उस समय राज्य के सभी कॉलेज पटना विश्वविद्यालय के अधीन थे। एलएस कॉलेज, मुजफ्फरपुर से अर्थशास्त्र से एमए व बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर से पब्लिक फाइनांस में पीएचडी की डिग्री ली। भागवत झा आजाद और चंद्रशेखर सिंह अर्थशास्त्र स्नातकोत्तर थे। भागवत झा आजाद और पूर्व सीएम राबड़ी देवी केवल प्राथमिक उत्‍तीर्ण

कम पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री की सूची में जननायक कर्पूरी ठाकुर भी शामिल हैं। वह इंटर तक ही पढ़ाई पूरी कर सके थे। राबड़ी देवी प्राथमिक उत्तीर्ण हैं।

1960 तक राज्य का अकेला विश्वविद्यालय था पीयू

पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह ने बताया कि 1917 में पटना विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। 1960 में बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम द्वारा बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, रांची विश्वविद्यालय तथा भागलपुर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। 1961-62 में मगध विश्वविद्यालय, बोधगया, 1972-73 में मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा बना। 1990 में जयप्रकाश विवि, छपरा जबकि 1992 में वीर कुंवर सिंह विवि, आरा, बीएन मंडल विवि, मधेपुरा, विनोबा भावे विवि, हजारीबाग और सिदो-कांदू विवि, दुमका की स्थापना हुई। 1992 में बिहार विवि का नाम बदलकर भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय कर दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.