Bihar Election 2020: नेताओं के गले की फांस बन रहे पुराने बोल, PM मोदी ने कहा था- CM नीतीश पर भरोसा नहीं
Bihar Election 2020 गत विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी व सीएम नीतीश कुमार एक-दूसरे के विरोधी थे। तब नीतीश व लालू साथ थे। उस दौर में इन नेताओं के बयान गले की फांस बन रहे हैं। आइए डालते हैं नजर ऐसे ही कुछ बयानों पर।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Election 2020: मान्यता है कि जनता की स्मरण शक्ति कमजोर होती है। वह बहुत जल्द चीजों को भूल जाती है। लिहाजा, बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल एक दूसरे को पुराने बोल की याद दिला रहे हैं। बदले सत्ता समीकरण में अब ये बोल गले की फांस बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एक दूसरे की पार्टी के लिए क्या कहा था। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और नीतीश कुमार ने कैसे परस्पर तारीफ की थी। पुराने बोल का इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वे बागी भी कर रहे हैं, जो टिकट न मिलने पर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ रहे हैं। विपक्ष याद दिला रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते चुनाव में किस तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भरोसे के लायक नहीं बता रहे थे।
राजेंद्र सिंह दिखा रहे पांच साल पुराना वीडियो
ताउम्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े राजेंद्र सिंह (Rajendra Singh) दिनारा से टिकट नहीं मिलने के चलते एलजेपी टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनके समर्थक पांच साल पुराने वीडियो को दिखा कर याद दिला रहे हैं कि सिंह संघ और बीजेपी के लिए किस तरह जरूरी हैं। उस वीडियो में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष कह रहे हैं राजेंद्र सिंह ने संघ के हरेक टास्क का बखूबी अंजाम दिया। उनके प्रयास से झारखंड में पहली बार बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी बेहतर काम किया।
नीतीश पर भरोसा नहीं, कह रहे पीएम मोदी
आरजेडी के कार्यकर्ता एक दिलचस्प वीडियो का वितरण कर रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कोई भरोसा नहीं कर सकता है। मंच पर बैठे पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से हाथ उठवाकर वे इस बात की तस्दीक कराते हैं। यह 2015 के विधानसभा चुनाव का मंच है। दिवंगत नेता रामविलास पासवान भी मंच पर नजर आ रहे हैं। वे मुस्कुरा रहे हैं।
पीएम ने लगाया था वादाखिलाफी का आरोप
उसी सभा में नरेंद्र मोदी ने नीतीश पर जनता के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया। खास कर घर-घर बिजली पहुंचाने के वायदे का वे जिक्र कर रहे थे। नीतीश ने वादा किया था कि जब तब सभी घरों में बिजली नहीं पहुंच जाती है, वे वोट मांगने नहीं आएंगे। प्रधानमंत्री ने भीड़ से पूछा था- बिजली आई कि नहीं आई? भीड़ का मिश्रित जवाब था।
नीतीश बाेले थे- बीजेपी का चेहरा व चरित्र उजागर
पांच साल पहले नीतीश कुमार कह रहे थे कि लोगों की थाली से दाल गायब है। लोगों को बीजेपी का चेहरा और चरित्र का पता चल गया है। वीडियो में विवादास्पद डीएनए प्रसंग की भी चर्चा है, जिसमें 2015 के विधानसभा चुनाव का रूख बदल दिया था। उन्होंने विशेष पैकेज और राज्य को विशेष दर्जा न देने के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसा था।
आरजेडी का जोर बीजेपी व जेडीयू के कटु संवादों पर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साथ चुनाव रहने के बावजूद 2015 में लालू प्रसाद की बहुत तारीफ नहीं की। चुनावी जीत पर उनकी संतुलित टिप्पणी ही आई- यह असहिष्णुता के खिलाफ और लोकतंत्र के पक्ष में है। लालू प्रसाद जरूर उन्हें पूरे चुनाव में छोटा भाई कहते रहे। आरजेडी का जोर बीजेपी एवं जेडीयू के बीच चले कटु संवादों पर है।
आरजेडी ने याद दिलाया अमित शाह का भी बयान
आरजेडी पुराने भाषणों का इस्तेमाल मीडिया के लिए भी कर रहा है। मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि अगर राज्य में महागठबंधन की जीत हुई तो कश्मीर के आतंकवादी यहां आ जाएंगे। आरजेडी के शिवानंद तिवारी ने तुरंत अमित शाह के 2015 वाले बयान की याद दिला दी- बिहार में महागठबंधन जीतता है तो पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे। तिवारी ने यह भी बता दिया कि ऐसे बयानों से चुनाव में एनडीए को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
अन्य दलों को ऐसी नहीं जरूरत नहीं
संयोग है कि महागठबंधन के दूसरे दलों को पुराने वीडियो की जरूरत नहीं पड़ रही है, क्योंकि कांग्रेस पहले से साथ रही है। नए दोस्त के तौर पर वाम दल जुड़े हैं। बीजेपी को भी इसकी जरूरत नहीं है। इसलिए कि उसके 2015 के पार्टनर साथ हैं। विकासशील इंसान पार्टी नई जुड़ी है। वह हाल में गठित हुई है। उसके नेता मुकेश सहनी पिछले विधानसभा चुनाव में भी एनडीए के लिए वोट मांग रहे थे। एलजेपी अलग हुई है, लेकिन वह बीजेपी की आलोचना नहीं कर रही है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ ही कर रही है।