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Bihar Assembly Election 2020: सिंचाई और शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार की दरकार

दैनिक जागरण की ओर से शंभूगंज में चौपाल का आयोजन कराया गया। इसके लोगों ने कहा कि यह देश कृषि प्रधान देश है। अधिकांश लोग खेती - किसानी पर निर्भर है लेकिन खेती के लिए समुचित संसाधन नहीं होने से किसान आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 10:10 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 10:10 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020: सिंचाई और शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार की दरकार
शंभूगंज में दैनिक जागरण के चौपाल में उपस्थित लोग

 

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बांका, जेएनएन। विधान सभा चुनाव को लेकर दैनिक जागरण की ओर से बुधवार को बाजार के श्यानसी मेडिको परिसर में चुनावी चौपाल का आयोजन किया गया। इसमें शामिल लोगों ने खेती - किसानी एवं बेरोजगारी की समस्या पर चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि यह देश कृषि प्रधान देश है। अधिकांश लोग खेती - किसानी पर निर्भर है , लेकिन खेती के लिए समुचित संसाधन नहीं होने से किसान आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। चौपाल में उपस्थित वक्ताओं ने ङ्क्षसचाई और शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर बल दिया।

वक्ताओं की राय -

आज किसानों के सामने ङ्क्षसचाई की एक विकट समस्या है। सरकार ने नई नीति के तहत फ्री बाजार तो कर दी है। सरकार को फसल उत्पादन का व्यवस्था करना चाहिए।

धीरेन्द्र प्रसाद यादव , स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही , बरौथा

खेती - किसानी में ङ्क्षसचाई के साथ - साथ अशिक्षा को दूर करने की जरुरत है। शिक्षा का हो रहे व्यवसायीकरण पर रोक लगानेवाली सरकार की जरुरत है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं तकनीकि ज्ञान की ओर बढऩा चाहिए।

रामजी यादव , संयोजक, जनजागरण अभियान समिति

देश की उन्नती के लिए स्वरोजगार को अपनाने की जरूरत है। पर कड़ी मेहनत के बाद भी कर फसल उत्पान का 2.5 फीसद मुनाफा ही किसानों तक पहुंच पाता है । गाय , मुर्गी , बकरी , भेड़ सहित अन्य तरह से रोजगार को अपनाकर किसानों को आर्थिक रुप से मजबूत करने की जरुरत है। इसमें किसानों को आगे बढ़ाने में जनप्रतिनिधियों को आगे आने की जरूरत है।

हीरालाल साह, अर्थशात्री सह रिटायर्ड प्रधानाध्यापक

डैम , नदी केनाल से खेतों तक पानी पहुंचाने की जरुरत है। क्षेत्र की प्रमुख बदुआ एवं लोहागढ़ नदियों के अलावे नहर केनाल से भी माफिया बालू उत्खनन कर रहे हैं। नदी से अत्यधिक बालू उठाव से तल गहरा हो गया है। जिससे खेतों तक पानी पहुंचना मुश्किल है। सरकार को चाहिए कि नदी से बालू उत्खनन पर रोक लगाए।

उत्तम पांडेय

सरकार किसानों के खेतों का सर्वे कराए और ङ्क्षसचाई का मुकम्मल सुविधा बहल करें। यदि ऐसा हो जाए तो यह क्षेत्र भी पंजाब , हरियाणा से कम नहीं होगा। क्षेत्र के लोगों को रोजगार के लिए कभी शहर नहीं भागना पड़ेगा । राजनेताओं को इस ओर ध्यान देनी चाहिए ।

विद्या वर्मा, पड़रिया मुखिया सह मुखिया समन्वय समिति के अध्यक्ष

सभी युवाओं को नौकरी देना संभव नहीं है। इसलिए सरकार को चाहिए की खेती - किसानी के लिए ङ्क्षसचाई सहित अन्य तकनीकी सुविधा की व्यवस्था दें। आज बिचौलियगिरी हावी है। जिसके चलते युवाओं को आसानी से लोन नहीं मिल रहा है।

वंदना कुमारी, छात्रा एसएम महाविद्यालय

आज से दो दशक पूर्व व्यवसाय में जो तेजी थी । वह आज नहीं है। पहले खेती - बारी ठीक रहने से आर्थिक व्यवस्था ठीक थी। पर आज खेती व्यवस्था की हालत ठीक नहीं है। जिससे व्यवसाय पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।

मनोज कुमार मेहता - व्यवसायी

आज के दौर में राजनेताओं का क्रेज घटते जा रहा है। किसी भी राजनीतिक दल के लोग मुद्दे पर बात नहीं करते और सिर्फ अपनी रोटी सेंकने पर रहते हैं। जबकि ज्वलंत मुद्दा , खेती - किसानी और बेरोजगारी है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ते जा रही है। राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं को चाहिए कि खेती , बेरोजगारी , भ्रष्टाचार जैसी समस्या को दूर करने का प्रयास करें।

शांतिशरण, समाजसेवी


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