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Katoria Election 2020: जनजाति सुरक्षित कटोरिया सीट पर महिलाएं आमने-सामने, पांच प्रत्‍याशी हैं यहां

Katoria Election News 2020 इस बार कटोरिया के मैदान में सबसे कम पांच प्रत्याशी हैं। 2009 के परिसीमन में कटोरिया सीट एसटी के लिए सुरक्षित बना है। यहां अभी राजद की स्वीटी सीमा हेम्ब्रम विधायक हैं। मुख्‍य मुकाबला राजद और भाजपा के बीच रहा।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:40 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 07:28 PM (IST)
Katoria Election 2020: जनजाति सुरक्षित कटोरिया सीट पर महिलाएं आमने-सामने, पांच प्रत्‍याशी हैं यहां
कटोरिया विधानसभा : राजद प्रत्‍याशी स्वीटी सीमा हेम्ब्रम और भाजपा प्रत्‍याशी डा.निक्की हेम्ब्रम।

बांका [राहुल कुमार]। अनसूचित जनजाति सुरक्षित कटोरिया सीट पर इस बार महिलाएं आमने-सामने रही। राजद ने मौजूदा विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम पर दूसरी बार भरोसा कर मैदान में उतरा है। वहीं भाजपा ने भी डा.निक्की हेम्ब्रम पर दुबारा भरोसा कर टिकट दिया है। निक्की हेम्ब्रम के ससुर सोनेलाल हेम्ब्रम 2010 में इस सीट से विधायक रह चुके हैं। कटोरिया सीट का बड़ा हिस्सा झारखंड सीमा से लगा है। इसका काफी क्षेत्र दुमका और देवघर से सीधे लगा हुआ है। आदिवासी आबादी के साथ राजद का वाई समीकरण इस सीट का मजबूत गणित बनाता है।इस बार यहां के मतदाताओं ने 60.84 फीसद मतदान किया है।

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झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी प्रभाव

झारखंड से सटा होने के कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी प्रभाव आदिवासी गांवों में दिखता है। राजद का वाई वोटबैंक का एक हिस्सा मौजूदा राजद विधायक से नाराज चल रहा है। इसके लिए राजद नेता तेजस्वी यादव ने कई चुनावी सभाएं कर अपने वोट बैंक की गोलबंदी का प्रयास किया है। लेकिन यह खाई कितनी भर पाई, इसका अंदाजा चुनाव परिणाम जारी होने के बाद भी चल सकेगा। भाजपा प्रत्याशी अपने वोट के साथ इस बार जदयू के वोटरों से आस लगाए बैठी है।

पिछले चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रत्याशी अंजला हांसदा को 17 हजार वोट मिल गया था। इस बार वह फिर जेएमएम की प्रत्याशी बन मैदान में उतरी है। इस बार आदिवासी वोटों पर उसके प्रभाव का भी परिणाम पर अंतर पड़ेगा। निक्की पिछड़ा चुनाव स्वीटी से 10 हजार मतों के अंतर से हार गई थी। उसे उम्मीद है कि विधायक विरोधी हवा और जदयू के कुछ वोटों के भरोसे उसका सदन पहुंचने का सपना पूरा हो जाएगा। लेकिन दोनों फैक्टर कितना काम किया, इसके लिए लोगों को लंबा इंतजार करना होगा। जदयू के मौजूदा सांसद गिरिधारी यादव भी दो बार इस सीट से विधायक रहे हैं। उनका फैक्टर भी इस सीट पर दिख रहा है। वे एनडीए की जीत के लिए लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं।

कटोरिया 2009 के परिसीमन में एसटी सुरक्षित सीट बना है। इसका निर्माण कटोरिया और बौंसी प्रखंड को मिलाकर हुआ है। पौराणिक मंदार पर्वत, बौंसी मेला, चांदन डैम, लक्ष्मीपुर किला आदि महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल इसी क्षेत्र में अवस्थित है। पहाड़ और जंगल इलाके की खूबसूरती के साथ लोगों के दुख का भी कारण है। अधिकांश भूमि बंजर और पहाड़ी है। इस कारण खेती का दायरा काफी सीमित है। अधिकांश लोगों को परिवार चलाने के लिए परदेश पलायन करना पड़ता है। हाल के दिनों में अर्जुन वन, रेशम का कोकून उत्पादन के साथ लाल माटी पर टमाटर की खेती के साथ बागवानी इलाके के लोगों के लिए नया सवेरा लेकर आया है।

कटोरिया के अबतक के विधायक

1952- पीरू मुर्म-कांग्रेस

1957- पीरू मुर्मू-कांग्रेस

1961- मुंशा मुर्मू

1962-कंपा मुर्मू

1967- सीताराम किशोरपुरिया- जनसंघ

1972-जयप्रकाश मिश्र-

1977-गुणेश्वर सिंह-जनता पार्टी

1980-सुरेश यादव-कांग्रेस

1985-सुरेश यादव-कांग्रेस

1990- सुरेश यादव-कांग्रेस

1995-गिरिधारी यादव-जनता दल

1996- भोला यादव-जनता दल

2000- गिरिधारी यादव-राजद

2005-राजकिशोर प्रसाद यादव- राजद

2010- सोनेलाल हेम्ब्रम- भाजपा

2015-स्वीटी सीमा हेम्ब्रम - राजद

कुल मतदाता-259048

महिला-122177

पुरूष- 136871

बूथ की संख्या- 368

वर्ष 2020 में कटोरिया विधानसभा के प्रत्याशी, पांच प्रत्‍याशी हैं यहां

डा.निक्की हेम्ब्रम-भारतीय जनता पार्टी

स्वीटी सीमा हेम्ब्रम- राष्ट्रीय जनता दल

अंजला हांसदा-झारखंड मुक्ति मोर्चा

एतवारी टुडू-किसान पार्टी

रोजमेरी किस्कू-जाप


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