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Bihar Assembly Election: विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में तेज प्रताप-तेजस्वी व चार मंत्रियों की प्रतिष्ठा फंसी

Bihar Assembly Election 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में तीन नवंबर को चार मंत्रियों और कई बाहुबलियों की परीक्षा होनी है। दूसरे चरण में तेजप्रताप यादव-तेजस्वी यादव समेत चार मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इसमें कई बाहुबली भी शामिल हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 09:29 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 09:29 PM (IST)
Bihar Assembly Election: विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में तेज प्रताप-तेजस्वी व चार मंत्रियों की प्रतिष्ठा फंसी
राजद नेता तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव। जागरण आर्काइव।

पटना, जेएनएन। विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चार मंत्रियों, दर्जन भर बाहुबलियों और प्रमुख नेताओं के नाते-रिश्तेदारों की प्रतिष्ठा फंसी हुई है। सबसे खास यह कि लालू परिवार के पराक्रम की परीक्षा भी इसी चरण में होनी है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दोनों पुत्र नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के क्षेत्रों में मतदान तीन नवंबर को होना है। तेजस्वी का मुकाबला भाजपा और तेजप्रताप का जदयू प्रत्याशी से है। 

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हसनपुर में जदयू ने तेजप्रताप के मुकाबले राजकुमार राय

दूसरे चरण की 94 सीटों पर कुल 1514 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें पटना साहिब से भाजपा के टिकट पर पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, जदयू के टिकट पर नालंदा से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, हथुआ से जदयू के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह एवं मधुबन से भाजपा के टिकट पर सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह मैदान में हैं। सबसे दिलचस्प लड़ाई राघोपुर में होनी है, जहां से नेता प्रतिपक्ष एवं महागठबंधन के मुख्यमंत्री प्रत्याशी तेजस्वी यादव खुद मैदान में हैं। उनके सामने भाजपा ने पूर्व विधायक सतीश यादव पर दांव लगाया है। हसनपुर में जदयू ने तेजप्रताप के मुकाबले राजकुमार राय को उतारा है। सबकी नजर परसा पर भी रहेगी। यहां से लालू के समधी एवं पूर्व मंत्री चंद्रिका राय जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लालू ने उनसे मुकाबले के लिए छोटेलाल राय को मैदान में उतारा है। दोनों की सियासी अदावत पुरानी है। पिछले कई चुनावों से दल-बदलकर दोनों आमने-सामने होते आ रहे हैं। 

दूसरे चरण में कई बाहुबली मैदान में

दूसरे चरण में बाहुबली भी मैदान में हैं। इसमें राजद और जदयू ने कई दबंगों पर दांव लगा रखा है। राजद ने मोकामा से अनंत सिंह, दानापुर से रीतलाल यादव और महनार से रामा सिंह की पत्नी वीणा देवी को टिकट दिया है। बाहुबलियों के मामले में राजद पर जदयू भारी पड़ता दिख रहा है। दूसरे चरण में जदयू से मटिहानी से बोगो सिंह, एकमा से धूमल सिंह की पत्नी सीता देवी, खगडिय़ा से रणवीर यादव की पत्नी पूनम देवी और कुचायकोट से अमरेंद्र पांडेय मैदान में हैं। राजद ने शिवहर से आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद पर भी दांव लगाया है, जबकि लालगंज से मुन्ना शुक्ला निर्दलीय ही ताल ठोक रहे हैं। 

नाते-रिश्तेदारों पर भी दांव 


कई बड़े नेताओं ने खुद न लड़कर अपने परिजनों को मैदान में उतारा है। बिहारीगंज से शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी कांग्रेस के टिकट पर लड़ रही है। बांकीपुर से शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा भी कांग्रेस प्रत्याशी हैं। जदयू ने राजगीर से हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के पुत्र कौशल किशोर को टिकट थमा दिया है।  पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार भी पीछे नहीं हैं। उनके भतीजे पप्पू सिंह को कांग्रेस ने लालगंज से उतारा है। रोसड़ा में पासवान परिवार की भी परीक्षा होनी है। लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज के भाई कृष्ण राज यहां से मैदान में हैं। 


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