Bihar Assembly Election 2020: सीमांचल की सियासी हांडी में पकेगी हैदराबादी बिरयानी, असदउद्दीन ओवैसी करेंगे कैंप
महागठबंधन की मजबूत किलेबंदी को भेदने के लिए एनडीए के बीच हैदराबाद सांसद असदउद्दीन ओवैसी तीसरा कोण बनाने में जुटे हैं। खासकर 2019 के उपचुनाव में मिली जीत को भुनाने के लिए ओवैसी बंधुओं की सक्रियता बढऩे वाली है।
किशनगंज, जेएनएन। सीमांचल में सियासी समीकरण सुलझने के बजाय दिनोंदिन उलझता जा रहा है। अल्पसंख्यक बहुल इस इलाके में अपनी पैठ जमाने के लिए तमाम गठबंधनों व राजनीतिक दलों की जोर आजमाईश जारी है। समाजवाद की जमीं पर महागठबंधन की मजबूत किलेबंदी को भेदने के लिए एनडीए के बीच हैदराबाद सांसद असदउद्दीन ओवैसी तीसरा कोण बनाने में जुटे हैं। खासकर 2019 के उपचुनाव में मिली जीत को भुनाने के लिए ओवैसी बंधुओं की सक्रियता बढऩे वाली है। लिहाजा चुनावी फिजां में यह चर्चा भी खूब हो रही है कि अमन पसंद इलाके में हैदराबादी बिरयानी पकेगी या फिर विगत चुनावों की तरह नकारे जाएंगे।
दरअसल 1977 से पूर्व सीमांचल का यह इलाका कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा। संर्पूण क्रांति के बाद जेपी आंदोलन की आंधी में यहां समाजवाद की नींव पड़ी। धीरे-धीरे जनता पार्टी का मजबूत गढ़ बनता चला गया। हाालंकि कुछेक वर्षों के बाद राजनीतक उतार चढ़ाव का गवाह रहा सीमांचल में भाजपा भी अपनी पैठ बनाने में कामयाब रही। वहीं कांग्रेस भी आहिस्ता ही आहिस्ता ही सही लेकिन वापसी करी। 2014 के आमचुनाव के बाद बदले राजनीतक समीकरण में अल्पसंख्य बहुल इस इलाके में खुद की फिट करने के लिए ओवैसी बंधुओं ने भी रुख किया। 2015 के विधानसभा चुनाव में किशनगंज लोकसभा अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा सीट पर उम्मीदवार खड़ा कर एआइएमआइएम ने प्रयोग किया। कोचाधामन को छोड़ बाकी अन्य पांचों सीट पर पार्टी कुछ खास हासिल नहीं कर पाई औ कुल मिलाकर 80 हजार वोट मिले। लेकिन 2019 के आमचुनाव में किशनगंज सीट पर कांटे की टक्कर में तीसरे स्थान पर रहे अख्तरूल ईूमान को इन छह विधानसभा में लगभग तीन लाख वोट मिले। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद किशनगंज विधानसभा उपचुनाव में पार्टी का खाता खुला। जिसके बाद से अल्पसंख्यक बहुल इलाके पर एआइएमआइए अपनी पकड़ बनाने में जुटी है। लिहाजा सीमांचल के इलाके में एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सीमांचल के इलाके की वर्तमान परिस्थितियों पर गौर करें तो कुल मिलाकर यहां महागबठबंधन का मजबूत दखल है। लिहाजा महागठबंधन के किलेबंदी को भेदन के लिए 25 अक्टूबर के बाद से पार्टी सुप्रोमी असदउद्दीन ओवैसी, वारिस पठान समेत पार्टी के तमाम बड़े दिग्गज कैंप करेंगे। बिहार प्रभारी माजिद हुसैन के अनुसार एआइएमआइएम के देश भर के तमाम नेता सभी 24 सीटों पर कैंपेन में शामिल होंगे।