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Bihar Election 2020: सीट तय होते ही नेताओं की तेज हुई भागदौड़, टिकट कटने की भनक पर मची है खलबली

Bihar Assembly Election 202 पलभर में बदल रही दलीय निष्ठा समर्पण व जनसेवा की भावना। पांच साल तक रहे जिसके विरोध में अब करने लगे एक-दूसरे की तारीफ। कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने की भनक से ही सियासी हलचल बढ़ गई है।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 06:15 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 06:15 PM (IST)
Bihar Election 2020: सीट तय होते ही नेताओं की तेज हुई भागदौड़, टिकट कटने की भनक पर मची है खलबली
पूर्वी चंपारण में कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने की भनक से ही सियासी हलचल बढ़ गई है

पूर्वी चंपारण [अनिल तिवारी]। जैसे-जैसे बड़े दलों ने सीटों व टिकटों का निर्धारण शुरू किया, वैसे-वैसे नेताओं की भागदौड़ तेज हो गई है। वर्षों तक पार्टी के सिद्धांतों और आदर्शों को जन-जन तक पहुंचा चुके नेता चुनाव लडऩे के लिए दलीय निष्ठा व समर्पण का त्याग कर रहे हैं। बदले समीकरण में जनता इन बदलावों की साक्षी है। कमोबेश चंपारण की सभी सीटों पर ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने की भनक से ही सियासी हलचल बढ़ गई है। नए फॉर्मूले पर समीकरण बैठाए जा रहे। इनमें कुछ सीटों के बदल जाने से सिटिंग विधायकों के तेवर भी बगावती हो गए हैं।

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टिकट कटने की भनक पर मची है खलबली

रक्सौल में भाजपा से डॉ. अजय कुमार सिंह का टिकट कटने की भनक मात्र से ही खलबली मची है। उन्होंने निर्दलीय या दूसरे दल से चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। चर्चा है कि जदयू छोड़कर भाजपा में आए 

प्रमोद सिन्हा को प्रत्याशी बना सकती है। ऐसी ही स्थिति महागठबंधन में भी है। यह सीट कांग्रेस के खेमे में जाने से राजद के कई संभावित प्रत्याशी बागी तेवर अपना चुके हैं।

इधर, सुगौली सीट वीआइपी के खाते में चले जाने पर भाजपा मे पार्टीगत नाराजगी बढ़ी है। वीआइपी की ओर से टिकट की घोषणा होते ही भाजपा के कई नेता बागी मूड में हैं। सबसे ज्यादा बवाल केसरिया सीट पर है। यहां से जदयू के दावेदार रहे महेश्वर सिंह ने शालिनी मिश्रा को टिकट मिलने के बाद उपेंद्र कुशवाहा के गठबंधन (रालोसपा-बसपा) का दामन थाम लिया है। वर्तमान राजद विधायक राजेश कुमार भी अपना टिकट कटने के बाद दूसरे दल से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। वहीं, भाजपा से टिकट की आस लगाए रामशरण यादव भी मैदान में कूद सकते हैं। 

कई नेता पुराने खेमे के आसरे

पीपरा सीट पर भाजपा विधायक श्यामबाबू प्रसाद यादव के चुनाव लडऩे की संभावना देख जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद गुप्ता और उनके पुत्र बागी बनकर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूदने की घोषणा कर चुके हैं। वहीं, राजद की जगह माकपा के खाते में यह सीट चले जाने के कारण राजद नेत्री डॉ. तृप्ति सिंह ने जनता दल राष्ट्रवादी का दामन थाम लिया है। वे इसी पार्टी से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। हरसिद्धि से राजद के विधायक राजेंद्र कुमार राम अपना टिकट कटने के बाद पार्टी की तलाश में हैं। ढाका सीट भाजपा के पाले में चले जाने पर रालोसपा छोड़कर जदयू में आए रामपुकार सिन्हा एक बार फिर पुराने खेमे के आसरे हैं। 


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