Bihar Assembly Election 2020: जुबान फिसली तो लेने के देने पड़ जाएंगे, जीतन राम मांझी को है ज्यादा संकट
Bihar Assembly Election 2020 नेताजी एक दल से फिसल कर दूसरे-तीसरे दल में जा रहे हैं। पिछले छह साल में जीतनराम मांझी ने कई बार दल बदल किए हैं। खतरा यह है कि मंच पर न भूल जाएं कि अभी किसके साथ हैं। पढि़ए नेताओं के बड़बोलेपन की बानगी ।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Election 2020: चुनाव का समय है। लोग एक दल से फिसल कर दूसरे-तीसरे दल में चले जा रहे हैं। यहां तक तो ठीक है। लेकिन अगर बदले हुए दल में पुराने दल की तरह जुबान चली तो लेने के देने पड़ जाएंगे। यह संकट नौजवानों के सामने ही नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी जैसे बुजुर्गों के सामने अधिक है। बीते छह साल में उनकी जुबान से किन नेताओं के लिए कौन सी बात कब निकली, शायद उन्हें भी याद नहीं होगा। खतरा यह है कि मंच पर न भूल जाएं कि अभी किसके बारे में क्या कहना है।
मांझी मुख्यमंत्री बनाने का श्रेय नीतीश कुमार को देते थे। बीच में भूल गए कि उन्हें मुख्यमंत्री किसने बनाया। दो साल पहले की बात है। अप्रैल 2018 में वे बोल रहे थे...मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलितों के मामले में घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं। राज्य में एससी एसटी एक्ट के तहत करीब 26 हजार मामले लंबित हैं। सिर्फ 89 मामलों में दोषियों को सजा मिल पाई है। अब वे नीतीश कुमार के साथ हैं। दलित कल्याण मुख्यमंत्री का प्रिय विषय है। फर्ज कीजिए कि मांझी जी की जुबान से यह बात अब निकल जाए।
सीएम का प्रिय विषय है शराबबंदी, मांझी दारू को दवा बताते रहें हैं
नीतीश कुमार का एक और प्रिय विषय है-शराबबंदी। मांझी जी के पास शराबबंदी के बारे में मौलिक चिंतन है। उन्होंने कई बार कहा है-दारू कभी-कभी दवा के रूप में पेश की जाती है। मुझे इसका अनुभव है। एक बार हमको हैजा हुआ था। हमने भी इसका सेवन किया था। थोड़ा कम शराब पीना काम करने वाले श्रमिकों के लिए संजीवनी की तरह है। शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई के मामले में भी उनका नजरिया कम खतरनाक नहीं है-मंत्रियों अफसरों के घर सरकार छापामारी करे। शराब नहीं मिली तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा। शराबबंदी कानून सिर्फ गरीब, दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को प्रताडि़त करने के लिए बना है।
मांझी ने कहा था, तेजस्वी ही होंगे सीएम फेस
जून 2018 में जीतनराम मांझी ने घोषणा कर दी कि 2020 में तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री होंगे। यहां तक कि नीतीश कुमार भाजपा को छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो जाएं, तेजस्वी ही मुख्यमंत्री होंगे। उसी साल एक समारोह में मांझी ने कहा था-नीतीश कुमार सिंहासन खाली करें, अब उस पर तेजस्वी यादव बैठेंगे। मांझी ने समय-समय पर लालू प्रसाद की तारीफ की है। राजद से मोहभंग हुआ तो पार्टी को सियार कहने लगे। लालू प्रसाद ने एक बार कहा था-जीतनराम मांझी अच्छे और बुद्धिमान इंसान हैं।