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प्रदेश में हादसों की वजह से हर साल सैकड़ों लोग असमय ही काल का ग्रास बनते हैं। कहीं मानवीय चूक तो कहीं खराब सड़कें इसका कारण बनती हैं, लेकिन इनसे कभी सबक नहीं लिया गया।
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हिमाचल प्रदेश में हादसे ऐसे नियमित क्रम की तरह हैं जिन्हें रोका जाना चाहिए। प्रदेश में हर साल हादसों की वजह से सैकड़ों लोग जान गंवाते हैं। शिमला जिले के ननखड़ी में शनिवार को एक निजी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो लोगों की मौत हो गई जबकि 10 घायल हो गए। हादसे की वजह बेशक जांच के बाद ही साफ होगी लेकिन यह कटु सत्य है कि करीब नब्बे फीसद हादसे मानवीय चूक के कारण होते हैं। हादसे किसी भी वजह से हों लेकिन इनमें होने वाले नुकसान की भरपाई कोई नहीं कर सकता। यह सही है कि हादसा जब होना होता है, हो ही जाता है.. उसके पीछे मानवीय चूक, तकनीकी खराबी, खराब सड़कें जैसे कई तर्क दिए जा सकते हैं लेकिन मालवाहक में बैठने-बिठाने से अब तक गुरेज नहीं किया जा रहा है। क्या पुलिस हर वक्त हर स्थान पर रह कर हादसों को रोक सकती है? क्या यह संभव है कि प्रदेश के हर कोने में लगातार हो रहे हादसे बिना मानवीय विवेक के रोके जा सकें? क्या यह संभव है कि हर जगह निगरानी से ही हादसे रुकेंगे? जब तक सड़क पर चलने और वाहन चलाने का शिष्टाचार नदारद रहेगा, तब तक सुरक्षित यातायात की कल्पना करना बेमानी है। बड़े हादसे तो अपनी बारंबारता स्वयं ही याद करवाते हैं, छोटे-छोटे हादसे भी कम नहीं हो रहे हैं। जब तक यातायात नियम मालवाहकों में सामान और सब्जियों की तरह ठूंसे जाते रहेंगे, जब तक दोपहिया चालक उन्हें हेलमेट मान कर हाथों में टांगते रहेंगे, जब तक पहियों पर अनियंत्रित गति का जुनून सवार रहेगा, तब हादसों को कौन रोक सकता है। हिमाचल प्रदेश में मालवाहकों में प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को कितने जख्म और कितना कष्ट दिया है, क्या वह किसी से छिपा है? होना यह चाहिए कि यातायात पुलिस तो यातायात नियमों को उल्लंघन करने वालों के साथ सख्ती से पेश आए ही, वाहन चालक भी समझें कि नियमों का पालन अपनी सुरक्षा के लिए भी किया जाता है। हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में तो नागरिकों को अधिक जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए। आखिर मामला बेशकीमती जनधन की हानि का है, घरों में हादसों के कारण पसरते अंधेरे का है। हादसों के खिलाफ चेतना और सतर्कता अनिवार्य है। जब हर पक्ष सतर्क होगा तभी हादसे रुक सकेंगे।

[ स्थानीय संपादकीय: हिमाचल प्रदेश ]