म्यांमार से भगाए गए रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर देश की सियासी जमातें अपने-अपने हिसाब से रोटियां सेंक रही हैं। रोहिंग्या मुस्लिमों के प्रति प्रेम जताने के लिए विरोध प्रदर्शन से लेकर कई अभियान चलाए जा रहे हैं। इन सबके बीच सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रोहिंग्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। वही मानवता व इंसानियत की बातें करते हुए अन्य सियासी दलों का अलग-अलग मत है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि सभी रोहिंग्या मुसलमान आतंकी नहीं हैं इसलिए इस मसले को मानवीय आधार पर भी देखा जाना चाहिए। सोमवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ने कहा-'केंद्र ने राज्य से रोहिंग्या लोगों की सूची मांगी है। मेरा मानना है कि सभी रोहिंग्या आतंकी नहीं हैं। उस समुदाय में कुछ लोग आतंकी हो सकते हैं, लेकिन उसमें आम लोग भी शामिल हैं।' ममता ने हालांकि यह भी कहा कि आतंकी गतिविधियों से किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। 'हर समुदाय में अच्छे-बुरे लोग होते हैं। हम किसी तरह की आतंकी गतिविधियों से समझौता नहीं कर सकते। अगर कोई आतंकी है तो उसके खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाएगी, लेकिन आम लोगों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए क्योंकि अगर उन्हें तकलीफ होगी तो मानवता पीडि़त होगी।' परंतु, यहां एक सवाल यह भी उठता है कि बंगाल में पहले से ही अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिये भरे हुए हैं। तीन वर्ष पहले बर्धमान के खागड़ागढ़ में हुए विस्फोट के बाद बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन (जेएमबी) के बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था, जिसमें एक दर्जन से अधिक बांग्लादेशी आतंकियों की गिरफ्तारी भी हुई थी। अब भी कई फरार हैं। ऐसे में रोहिंग्या को लेकर केंद्रीय एजेंसियों की आशंका स्वाभाविक है। बंगाल की स्थिति तो और भी गंभीर है। क्योंकि, पिछले तीस वर्षों में देश के भीतर जितने भी आतंकी हमले हुए हैं उनमें से अधिकांश का तार बंगाल से जुड़ता रहा है। कहा जाता है कि आतंकी संगठन बंगाल को ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल करता है। इसकी वजह भी है कि बंगाल से सीमा पर आना-जाना आसान है। जाली नोटों की तस्करी के मामले में भी बंगाल टॉप पर है। रोहिंग्या का बांग्लादेशी के साथ-साथ पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से भी लिंक रहा है। वहीं जेएमबी जैसे आतंकी संगठन का आइएस और अलकायदा जैसे खूंखार संगठनों से लिंक होने की बात भी कही जाती रही है। ऐसी स्थिति में बंगाल सरकार को भी समझना होगा कि हर रोहिंग्या शरणार्थियों की गतिविधियों पर नजर रखना आसान काम नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सियासत नहीं होनी चाहिए।
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हाईलाइटर:: रोहिंग्या का बांग्लादेशी के साथ-साथ पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से भी लिंक रहा है। वहीं जेएमबी जैसे आतंकी संगठन का आइएस और अलकायदा जैसे खूंखार संगठनों से लिंक होने की बात भी कही जाती रही है।

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]