राजधानी में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस में दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्र से छेड़छाड़ की घटना गंभीर चिंता का विषय है। मामला तब और भी गंभीर हो जाता है, जब यह सामने आता है कि युवती ने घटना के समय बस में सवार यात्रियों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई आगे नहीं आया। यह घटना दर्शाती है कि दिल्ली जैसे मेट्रो शहर में रोजी-रोटी कमाने की जद्दोजहद के बीच किस तरह लोगों में मानवीय संवेदनाएं मरती जा रही हैं। बगल की सीट पर बैठे अधेड़ व्यक्ति द्वारा अश्लील हरकत किए जाने पर युवती ने उसका वीडियो बना लिया और ट्विटर पर अपलोड कर पुलिस आयुक्त, दिल्ली पुलिस, मुख्यमंत्री व दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को टैग किया, लेकिन यह भी निराशाजनक ही रहा कि उसे किसी भी ओर से मदद नहीं मिली। घटना के तीन दिन बाद दिल्ली महिला आयोग की मदद से मामला दर्ज हो सका।

डीटीसी बसों या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं दिल्ली में अक्सर सामने आती हैं। वर्ष 2012 में हुए वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाने के दावे किए गए, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी धरातल पर कुछ खास नजर नहीं आता। महिलाओं के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ की लगातार हो रही घटनाओं को रोकने के लिए पूरी इच्छाशक्ति से गंभीर प्रयास किए जाने की जरूरत है। सिर्फ वादे करने या खोखले दावे करने से महिलाओं को सुरक्षित माहौल नहीं उपलब्ध कराया जा सकता।

[ स्थानीय संपादकीय: दिल्ली ]