प्रधानमंत्री ने बहुप्रतीक्षित 5जी इंटरनेट सेवा का शुभारंभ कर डिजिटल इंडिया अभियान को न केवल एक नया आयाम दिया, बल्कि देश को एक नई क्रांति की ओर ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त किया। 5जी सबसे आधुनिक स्तर का नेटवर्क है। इससे न केवल इंटरनेट की स्पीड बढ़ेगी, बल्कि वह अधिक भरोसेमंद बनेगा और उसमें अधिक नेटवर्क संभालने की क्षमता भी होगी। अभी 5जी सेवा देश के 13 शहरों में शुरू होने जा रही है। आशा की जाती है कि अगले डेढ़-दो साल में पूरा देश इसकी पहुंच में होगा।

जब ऐसा होगा तब बहुत कुछ बदल जाएगा, क्योंकि यह दौर जिस आटोमेशन, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और इंटरनेट आधारित सेवाओं का है, उसमें 5जी सेवा की एक प्रमुख भूमिका है। 5जी सेवा केवल मोबाइल की दुनिया में ही क्रांति लाने का काम नहीं करेगी, बल्कि वह शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग-व्यापार के साथ कृषि क्षेत्र को भी बल प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त वह सेवाओं की पहुंच बढ़ाएगी और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने में भी सहायक बनेगी। स्वाभाविक है कि इसका लाभ कारोबार जगत के साथ शासन एवं प्रशासन को भी मिलेगा।

आज जब सब कुछ तकनीक पर निर्भर होता जा रहा है, तब इससे बेहतर और कुछ नहीं कि ई-गवर्नेंस के इस कालखंड में विकसित देशों की तरह भारत में भी 5जी सेवा का श्रीगणेश हो गया। चूंकि 5जी की उन्नत तकनीक और उच्च क्षमता सभी सेवाओं को और प्रभावी ढंग से एक-दूसरे से जोड़ने में सहायक बनेगी, इसलिए आम आदमी का जीवन भी अधिक सहज बनेगा।

5जी सेवा उस दिन शुरू हुई, जिस दिन यह समाचार आया कि सितंबर माह में जीएसटी संग्रह 1.47 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 26 प्रतिशत अधिक है। यह लगातार सातवां महीना है, जब जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। सेवाओं और वस्तुओं पर टैक्स की यह पूरी व्यवस्था तकनीक आधारित है।

यह मानकर चला जाना चाहिए कि 5जी सेवा से यह व्यवस्था और अधिक पारदर्शी एवं प्रभावी बनेगी। नि:संदेह यह भी उम्मीद की जाती है कि इस सेवा के जरिये औपचारिक अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। यह अपेक्षा पूरी हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास भी किए जाने चाहिए, क्योंकि आर्थिक मोर्चे पर विश्व अनिश्चितता से जूझ रहा है।

यह सही है कि भारत की अर्थव्यवस्था के आधार सबल हैं और वह अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक तेज गति से बढ़ रही है, लेकिन भारत को तकनीक का उपयोग कर ऐसे जतन करने की आवश्यकता है, जिससे देश पर विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का प्रभाव कम से कम पड़े। इस क्रम में जितना सतर्क केंद्र को रहना होगा, उतना ही राज्यों को भी और विशेष रूप से उन राज्यों को, जो आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। उन्हें 5जी सेवा का समुचित लाभ उठाने के प्रयास शुरू कर देने चाहिए।