विश्व स्वास्थ्य संगठन में इस आशय का प्रस्ताव आना वक्त की मांग है कि कोरोना वायरस के स्नोत की जांच होनी चाहिए, लेकिन केवल इससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता कि ऐसा प्रस्ताव तैयार हुआ और उसे समर्थन देने वाले देशों में भारत भी शामिल है। वास्तव में दुनिया के सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न केवल कोरोना वायरस के स्नोत की जांच हो, बल्कि इस जांच में चीन सहयोग करे और साथ ही ऐसी कोई व्यवस्था भी बने जिससे भविष्य में किसी बीमारी को महामारी बनने से रोका जा सके। यह तभी हो सकेगा जब विश्व स्वास्थ्य संगठन के निरीक्षकों को किसी देश में जाकर वहां के हालात का जायजा लेने का अधिकार प्राप्त होगा। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के निरीक्षक ऐसे किसी अधिकार से लैस होते तो शायद आज दुनिया कोरोना कहर से इतनी बुरी तरह न जूझ रही होती।

नि:संदेह जांच के पहले कुछ कहना कठिन है, लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि चीन ने कोरोना वायरस से उपजी बीमारी कोविड-19 के मामले में जिम्मेदार देश वाला व्यवहार बिल्कुल भी नहीं किया। उसने दुनिया तो दूर, विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी समय पर सही जानकारी नहीं दी। विश्व समुदाय को प्राथमिकता के आधार पर यह देखना चाहिए कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यप्रणाली में सुधार हो। इसी के साथ उसे अड़ियल चीन को जवाबदेह बनाने की कोशिश तेज करनी चाहिए, क्योंकि इस अंदेशे में दम लग रहा है कि कोरोना वायरस किसी प्रयोगशाला में बना।

चीन से यह स्पष्ट करने को कहा जाना चाहिए कि जब कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते वुहान से चीन के अन्य शहरों के लिए आवागमन रोक दिया गया था तब वहां अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा क्यों जारी थी? वास्तव में ऐसे कुछ और सवाल हैं जिनका जवाब चीन से लिया जाना चाहिए। यह आसान काम नहीं, क्योंकि वह लोकतांत्रिक तौर-तरीकों की अनदेखी करने और साथ ही हर मामले में मनमानी करने वाला देश है।

चीन दुनिया का सहयोग करने के बजाय उन सब देशों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से धमकाने में लगा हुआ है जो यह चाह रहे हैं कि कोरोना वायरस के स्नोत की जांच हो। बीते कुछ दिनों में भारतीय सीमा पर चीन की शरारत भरी हरकतें महज दुर्योग नहीं हो सकतीं। भारत को उसकी इन हरकतों को कहीं अधिक गंभीरता से लेना चाहिए। चीन को यह संदेश दिए जाने की सख्त आवश्यकता है कि वह अपनी सैन्य अथवा र्आिथक ताकत के बल पर मनमानी नहीं कर सकता। उस पर भरोसा इसलिए नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह पहली बार नहीं जब उसकी धरती से फैली किसी बीमारी ने दुनिया का बेड़ा गर्क किया हो।