गर्मियां शुरू होते ही पंजाब में आग लगने की घटनाएं फिर बढ़ गई हैं जो कि न केवल चिंता का विषय है बल्कि अफसोस की बात यह भी है कि हर साल ऐसा होने के बावजूद यह सिलसिला थम नहीं रहा। पिछले एक सप्ताह में ही प्रदेश में , विशेषकर फैक्टियों व अन्य जगह आग लगने की करीब आधा दर्जन घटनाएं सामने आ चुकी हैं। शुक्रवार को भी राज्यभर में तीन स्थानों पर आग की घटनाएं घटित हुईं। लुधियाना में एक हौजरी में आग लग गई, मोहाली में फर्नीचर मार्केट जलकर राख हो गई वहीं पर फरीदकोट में भी एक दुकान को आग ने स्वाहा कर दिया। लुधियाना में हौजरी फैक्ट्री की आग ने तो एक व्यक्ति की जिंदगी भी लील ली है। इन दिनों में फैक्टियों में ही आग की घटनाएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। इसके पीछे शायद वजह लापरवाही ही है। फैक्टियों में बिजली की कटी-फटी व्यवस्था और केमिकल्स का सही तरीके से रखरखाव न होना अक्सर आग का कारण बनता है। ऊपर से नियमों के तहत आग बुझाने की व्यवस्था भी न होना आग में घी का काम करती है।

लुधियाना में कुछ महीने पहले भी एक फैक्ट्री में आग लग गई थी और धमाके के साथ चार मंजिला फैक्ट्री मिट्टी के ढेर में तबदील हो गई थी। इसमें भी कई लोगों की मौत हो गई थी। विडंबना यही है कि कुछ हादसों की जांच होती है तो कुछ की केवल कागजों में रह जाती हैं। सच तो यह है कि बहुत सारी फैक्टियां नियमों को ताक पर रखकर ऐसी संकरी गलियों में बना दी गई हैं जहां पर किसी भी हादसे हो जाने पर मदद पहुंचाना भी मुश्किल हो जाता है। यहां पर सवाल यह भी उठता है कि ऐसी फैक्टियों को अग्निशमन विभाग या फिर उद्योग विभाग से इकाई चलाने की आज्ञा कैसे मिल जाती है। सरकार को चाहिए कि वह भ्रष्टाचार करके लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले ऐसे अधिकारियों व फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं। तभी अव्यवस्थाओं की यह आग बुझ सकेगी।

[ स्थानीय संपादकीय: पंजाब ]