'विश्व बांग्ला' ब्रांड व लोगो को लेकर तृणमूल कांग्रेस में कभी सेकेंड इन कमान रहे भाजपा नेता मुकुल रॉय द्वारा लगाए गए आरोपों पर 20 दिनों तक घमासान होने के बाद बुधवार को आखिरकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने विधानसभा में कहा, 'मैंने अपने हाथों से विश्व बांग्ला का लोगो तैयार कर अपनी सरकार को दिया है। यह लोगो मैंने बेचा नहीं है और न ही इसके लिए कोई रकम ली है। अगर कल राज्य सरकार उस लोगो का इस्तेमाल नहीं करना चाहेगी तो वह उनके पास लौट आएगा।' उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी से कहा, 'कुछ लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं। फीफा से लेकर राष्ट्रपति तक ने हमलोगों की प्रशंसा की है। उनलोगों (विपक्ष) को किस बात की जलन हो रही है। विश्व बांग्ला हमलोगों का गïर्व है। पूरे विश्व में जीत का परचम विश्व बांग्ला लहराएगा। दुष्प्रचार कर इसका अपमान किया जा रहा है।' ममता ने चेतावनी दी कि जो भी दुष्प्रचार कर रहे हैं, उनमें से किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। यानी ममता ने स्पष्ट रूप से मुकुल रॉय को संदेश देने का प्रयास किया है कि वे कार्रवाई के लिए तैयार रहे। इस बीच ममता के भतीजे व तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी मुकुल के खिलाफ मानहानि और फौजदारी का मामला कोर्ट में दायर कर चुके हैं। वहीं मुकुल भी पीछे नहीं है। उन्होंने भी अभिषेक के खिलाफ दिल्ली में मानहानि का मुकदमा ठोक रखा है। अभिषेक ने मंगलवार को कहा था कि मुकुल के आरोप सही साबित हुए तो वे राजनीति छोड़ देंगे और यदि गलत साबित होंगे तो मुकुल को बंगाल छोडऩा होगा। अभिषेक ने न्यायाधीश के समक्ष कहा था कि मुकुल झूठे आरोप लगाकर उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं। अदालत की ओर से इस मामले में कुछ भी कहने की मनाही होने के बावजूद वो मीडिया के समक्ष बोलकर अदालत के निर्देश की अवमानना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'भाजपा नेता को यह साबित करना होगा कि विश्व बांग्ला लोगो का मालिकाना हक मेरे पास है।' वहीं अभिषेक के इस बयान के बाद मुकुल ने कहा, 'मैंने जो भी कुछ बोला, वह दस्तावेज व तथ्यों के आधार पर बोला है। मैं देश की किसी भी अदालत में उनके मुकदमे का सामना करने को तैयार हूं। चुनौती देने की बात बचकानी हरकत है। इसके अगले ही दिन ममता का बयान सामने आया है, जिसके बाद कहा जाने लगा है कि यह मुद्दा लंबा खींचने वाला है क्योंकि कांग्र्रेस व वाममोर्चा भी इस मुद्दे को हथियार बना रहे हैं।
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(हाइलाइटर ::: ममता ने चेतावनी दी कि जो भी दुष्प्रचार कर रहे हैं, उनमें से किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।)

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]