दिल्ली के अमन विहार में दस दिनों तक बंधक बनाकर एक छात्र के साथ दुष्कर्म की घटना शर्मनाक है। इससे पता चलता है कि तमाम दावों-वादों के बाद भी देश की राजधानी में अब भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। दिल्ली के लोग इन दिनों उन्नाव व कठुआ में दुष्कर्म की शिकार बच्चियों को इंसाफ दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, राजधानी में एक छात्र को बंधक बनाकर उसके साथ हैवानियत की जाती है। ऐसा नहीं है कि यह पहली घटना है। हकीकत यह है कि राजधानी में हर महीने दुष्कर्म के डेढ़ सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज होते हैं। इस वर्ष के पहले दो महीने में दुष्कर्म के 309 केस दर्ज हुए हैं।

दिल्ली पुलिस के सर्वे अनुसार इस तरह की अधिकांश घटनाओं में आरोपित पीड़िता के जानकार होते हैं। 38.99 फीसद मामले में दोस्त या परिवार का कोई सदस्य तो 19.08 मामले में पड़ोसी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं। अमर विहार की घटना में भी आरोप युवक पीड़िता का जानकार था। वह उसे अपने घर में बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट व दुष्कर्म करता रहा। इसलिए परिवार व समाज को भी सजग होना पड़ेगा। लोगों को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। उन्हें अच्छे संस्कार देने के साथ ही संदिग्ध लोगों के बारे में सावधान करना चाहिए। बच्चियों या महिलाओं से कोई अपराध होता है तो पुलिस से शिकायत करनी चाहिए। पुलिस को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। महिलाएं को खुद को सुरक्षित समझ सकें इसके लिए जरूरी कदम उठाना होगा।

[स्थानीय संपादकीय- दिल्ली]