केंद्र सरकार की ओर से बिहार, ओडिशा, बंगाल और असम को कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए नए सिरे से निर्देश दिया जाना यही बताता है कि जो राज्य पहले संक्रमण से कम प्रभावित दिख रहे थे वहां अब हालात चिंताजनक हो रहे हैं। ऐसा लगता है कि इन राज्यों ने समय रहते सही तैयारी नहीं की। यह निराशाजनक है कि अच्छा-खासा समय मिलने के बाद भी देश के कई राज्य कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं कर सके। उन्हें इसी ढिलाई के दुष्परिणाम भोगने पड़ रहे हैं। कम से कम अब तो उन्हें कमर कसनी चाहिए।

इसके लिए आवश्यक केवल यह नहीं है कि केंद्र सरकार के निर्देशों का सही तरह पालन हो और इस पर निगाह रखी जाए कि लोग शारीरिक दूरी के प्रति सावधान रहें और मास्क के प्रयोग में लापरवाही न बरतें। आवश्यक यह भी है कि स्वास्थ्य ढांचा सक्षम बना रहे। नि:संदेह कोरोना के खिलाफ जंग में जन सहयोग के बगैर बात बनने वाली नहीं है, लेकिन इसी के साथ यह भी जरूरी है कि राज्य अपने स्वास्थ्य ढांचे को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय हों। कम से कम ऐसी व्यवस्था तो की ही जानी चाहिए कि कोरोना मरीजों के उपचार में देरी न हो। यह ठीक नहीं कि चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के मामले सामने आ रहे हैं।

चूंकि अब ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है इसलिए राज्यों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। गांवों तक कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए जो भी संभव हो वह युद्ध स्तर पर किया जाना चाहिए। राज्य सरकारों को यह भी समझना होगा कि कोरोना वायरस से उपजी कोविड-19 महामारी की रोकथाम के मामले में केवल लॉकडाउन का सहारा लेना पर्याप्त नहीं है।

लॉकडाउन तभी कारगर साबित होगा जब संदिग्ध कोरोना मरीजों के टेस्ट के साथ उन्हेंं अलग-थलग करने का काम भी सही ढंग से होगा। ऐसा करके ही कोरोना की चपेट में आए लोगों की मृत्यु दर को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी। इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि कोरोना की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या में वृद्धि होती दिख रही है। यह ठीक नहीं कि कई राज्य एक लाख की आबादी पर कम से कम 14 लोगों के टेस्ट के लक्ष्य को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इस लक्ष्य की र्पूित में क्या बाधाएं आ रही हैं और उन्हें कैसे दूर किया जाए, इस पर केंद्र सरकार को भी सचेत होना चाहिए। यह समय केवल निर्देश देने का नहीं, बल्कि उन पर अमल कराने का भी है।