इसके लिए राज्य सरकार को न केवल अपने तंत्र को मजबूत करना होगा, बल्कि व्यवस्था को भी भ्रष्टाचार मुक्त करना होगा
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पंजाब में ड्रग्स और वायु प्रदूषण बड़ी समस्या है तो सुशिक्षित समाज का निर्माण भी कम चुनौती नहीं है। अगर प्रदेश का समग्र विकास करना है तो राज्य सरकार को इन तीनों मुद्दों पर ठोस कदम उठाने होंगे। यह सरकार की इच्छाशक्ति से ही संभव है। श्री गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर आयोजित धार्मिक दीवान में शामिल होने आए देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी ड्रग्स, पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदूषण पर नियंत्रण पाने और शिक्षा के प्रसार पर जोर दिया। आमतौर पर शांत रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रदेश सरकार के कामकाज को आईना दिखाते हुए सलाह दी कि ड्रग्स का प्रयोग बंद होना चाहिए। उन्होंने प्रदूषण पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि इससे विश्व भर में पंजाब की आलोचना हो रही है। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर भी जोर दिया। प्रदेश में ड्रग्स की सप्लाई बदस्तूर जारी है। हालांकि सरकार ने इस दिशा में कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन अभी ये नाकाफी है। यही हाल प्रदूषण नियंत्रण का है। गत दिनों यह देखने में आया कि पराली न जलाने के सरकार के आदेश के खिलाफ किसानों ने विद्रोह कर दिया और खुलकर पराली जलाई। प्रदेश में शिक्षा की स्थिति भी बदहाल है। अनेक सरकारी विद्यालयों का हाल यह है कि उसके पास न तो अच्छे भवन हैं और न ही पर्याप्त संख्या में शिक्षक। उस पर शिक्षकों से अध्यापन की जगह दूसरे काम करवाए जा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि शिक्षा में सुधार के लिए पर्याप्त स्टाफ की भर्ती करे और शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न करवाए। वहीं प्रदेश में ड्रग्स पर रोकथाम के लिए इसकी सप्लाई लाइन को काटने की दिशा में ठोस कदम उठाएं जाएं। पर्यावरण संरक्षण के लिए किसानों की समस्याओं का समाधान करते हुए उन्हें विकल्प प्रदान किया जाए ताकि वे पराली न जलाएं। इसके लिए राज्य सरकार को न केवल अपने तंत्र को मजबूत करना होगा, बल्कि व्यवस्था को भी भ्रष्टाचार मुक्त करना होगा।

[ स्थानीय संपादकीय: पंजाब ]