पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को दो महत्वपूर्ण आदेश दिए। पहला विवादित राधे मां के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के और दूसरा डेरा सच्चा सौदा की तलाशी के लिए हरियाणा सरकार को इजाजत देने का। जाहिर है कि डेरे की तलाशी के बाद डेरे के रहस्यलोक से पर्दा उठ जाएगा। हालांकि सेना को डेरे की तलाशी में नहीं लगाया जाएगा, केवल हरियाणा पुलिस और अर्ध सैनिक बल के जवान ही तलाशी लेंगे। बुधवार को वे डेरे को नियंत्रण में ले सकते हैं। जांच के लिए विशेष अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इस जांच पर शायद ही किसी को कोई आपत्ति हो। जांच अधिकारियों की भारी-भरकम टीम पहुंचने के बावजूद किसी बड़े रहस्य के खुलने की उम्मीद हालांकि कम ही है। दस दिन में स्थितियां बहुत बदल चुकी हैं। आसपास के लोग आरोप लगाते रहे हैं कि सुरक्षा बलों की घेराबंदी के बावजूद डेरे की गाड़ियां काफी कुछ निकालकर ले जाने में सफल रहीं हैं। शायद यही कारण है कि डेरा प्रबंधक स्वयं तलाशी की पेशकश कर चुकी हैं। प्रबंधक मंडल के सदस्यों को छोड़कर सभी अनुयायी डेरा छोड़ चुके हैं। काफी हथियार भी पुलिस के कब्जे में आ चुके हैं। ऐसे में भीतर कुछ खास निकले, इसकी उम्मीद कम ही है।
फिलहाल एक उत्सुकता बची है, गुरमीत की गुफा को लेकर। उसके रहस्यों और गुप्त दरवाजों का राज अभी खुल नहीं पाया है। अभी तक तलाशी न लेने के पीछे सरकार का तर्क यह था कि वह भावनाएं भड़कने से रोकना चाहती थी और इसके लिए स्थिति के सामान्य होने का इंतजार किया गया। लेकिन जिस आसानी से डेरे की गाड़ियां निकलने में कामयाब रहीं, उससे कई सवाल तो पैदा हो ही रहे हैं। सेना की तैनाती के बावजूद सरकार व प्रशासन ठोस कदम उठाने के लिए कोर्ट के आदेशों का इंतजार करते रहे। पूर्व में भी डेरे पर कई तरह के आरोप लगे। डेरे के कई अनुयायी सालों बाद खुलकर सामने आए और कई सनसनीखेज आरोप भी जड़े। क्या उम्मीद की जा सकती है कि उन तमाम आरोपों की सच्चाई सामने आ पाएगी? क्या अवैध गतिविधियों पर तस्वीर कुछ साफ हो पाएगी? फिलहाल इसकी उम्मीद कम है। फिर भी किसी फैसले से पूर्व अगले दो दिन तक इंतजार करें। तब तक स्थिति पूर्ण स्पष्ट हो जाएगी।

[ स्थानीय संपादकीय:  हरियाणा ]