मरी हुई मुर्गियों और यहां तक कि मरे हुए पशुओं के सड़े मांस कोलकाता महानगर के विभिन्न होटलों और कुछ रेस्तरां में आपूर्ति करनेवाले गिरोह के सक्रिय होने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। कोलकाता पुलिस ने लगातार छापामारी कर महानगर के विभिन्न भागों में मरी हुई मुर्गियों के सड़े मांस का कारोबार चलने का पर्दाफाश किया है। इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में पुलिस को जो तथ्य हाथ लगे हैं उससे महानगर में सड़े मांस के संगठित कारोबार के फैलने की पुष्टि होती है जो काफी चिंता का विषय है। स्वास्थ्य के लिए यह कितना हानिकारक है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इस घटना को लेकर महानगरवासियों तथा खास कर जहां सड़े मांस की बिक्री होती थी वहां के आस-पास के लोगों काफी क्षोभ है। कई जगहों पर तो गुस्साए लोग सड़े मांस के कारोबार करनेवाले अपराधियों को मारने-पिटने पर उतारू हो गए लेकिन पुलिस हिरासत में होने के कारण वे सामूहिक पिटाई से बच गए। पुलिस के व्यापक जांच-पड़ताल करने के बाद सड़े मांस का कारोबार महानगर और आस-पास के जिले उत्तर 24 परगना तथा दक्षिण 24 परगना तक फैलने की जानकारी मिली है।

उत्तर 24 परगना के बशीरहाट के कौशर अली के ठिकाने पर छापामारी कर पुलिस ने 9 फ्रिज से मुर्गी के सड़े मांस जब्त किए हैं। कौशर अली इलाके का करोड़पति व्यवसायी है। वह बाजार दर से 50 रुपये कम दर पर मुर्गी का मांस बिक्री करता था और महानगर के कुछ होटलों में भी आपूर्ति करता था। छापामारी के बाद कौशर अली फरार है। लेकिन पुलिस को सड़े मांस के कारोबार करनेवाले आठ व्यवसायियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। हैरतंगेज बात तो यह है कि महानगर के कूड़ा करकट फेंके जानेवाले शहर के बाहरी क्षेत्र भगाड़ से अन्य मरे पशुओं को संग्रहित करने और उसके मांस में विभिन्न तरह के केमिकल मिला कर बेहतर पैकेजिंग कर डिपार्टमेंटल स्टोर और ब्रांडेड सामग्री बिक्री करनेवाले मॉल में आपूर्ति करने के सुराग मिले है। कोलकाता पुलिस सड़े मांस के कारोबार की गहराई तक जाने की कोशिश कर रही है लेकिन रेस्टॉरेंट में बिरयानी और मांसाहारी भोजन करनेवाले लोगों के लिए यह बहुत बुरी खबर है।

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]