केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर सर्व शिक्षा मिशन ने राज्य के सभी स्कूलों को निर्देशिका भेज कर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम धूमधाम के साथ मनाने और उसकी वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी कर उसे सर्व शिक्षा मिशन के पास भेजने का जो निर्देश दिया है उस पर ममता बनर्जी सरकार ने आपत्ति जताई है। राज्य सरकार ने केंद्र के इस निर्देश को मानने से इन्कार कर दिया है। शिक्षा विभाग ने अपना अलग निर्देश जारी कर स्कूलों को कहा है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह की वीडियोग्राफी और फोटाग्राफी कर उसे कहीं भेजने की कोई जरूरत नहीं है।
इस संबंध में राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का कहना है कि चाबुक के बल पर देशभक्ति नहीं सिखाई जा सकती है। स्वतंत्रता दिवस पर होनेवाले अलग-अलग कार्यक्रम में लोग शामिल होते हैं और अपने-अपने तरीके मनाते हैं। किसी पर भी अलग से जबरदस्ती कुछ थोपना उचित नहीं है। चटर्जी ने यह भी कहा है कि केंद्र को क्या करना है वह समझे। राज्य को इस मौके पर जो करना है उसके लिए सरकार ने निर्देश जारी कर सबको को बता दिया है।
पिछले माह भारत सरकार के एचआरडी मंत्रालय के संयुक्त सचिव द्वारा जारी की गयी अधिसूचना में यह कहा गया है कि देश की आजादी के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्कूलों में बच्चों के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्वतंत्रता संग्राम व सेनानियों के जीवन से जुड़ी थीम के आधार पर वाद-विवाद, निबंध प्रतियोगिता और क्वीज आदि कराने का निर्देश दिया गया है। इन सारे कार्यक्रमों की वीडियो रिकार्डिंग व फोटोग्राफी कर पूरा विवरण सर्व शिक्षा मिशन में 31 अगस्त तक जमा करने का निर्देश है।
राजनीतिक मामलों से संबंधित केंद्र का कोई निर्देश सरकार मानने से इन्कार करती है तो इस पर किसी को मलाल नहीं होगा लेकिन देशभक्ति की भावना से जुड़ा कोई निर्देश हो तो उस पर आपत्ति जताने से सवाल खड़ा होना स्वभाविक है। स्वतंत्रता दिवस के 75 वर्ष पूरे होने पर केंद्र देशभक्ति की भावना से जुड़ा कोई निर्देश जारी करता है और राज्यों को उस पर अमल करने को कहता है तो इसमें गलत कुछ नहीं है। केंद्र का नीतिगत विरोध अलग बात है लेकिन सरकार स्वतंत्रता दिवस समारोह पर भी केंद्र के निर्देश की अवहेलना करती है तो यह संघीय ढांचा पर आघात ही समझा जाएगा।
हाईलाइटर::(शिक्षा विभाग ने अपना अलग निर्देश जारी कर स्कूलों को कहा है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह की वीडियोग्राफी और फोटाग्राफी कर उसे कहीं भेजने की कोई जरूरत नहीं है।)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]