सत्ताधारी दल के विधायक होने के कारण पार्टी और सरकार की साख को हमेशा बचाए रखना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन तत्वों से बचना चाहिए जो उनके नाम का गलत इस्तेमाल करते हैं।
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भाजपा विधायक ढुलू महतो के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय से जांच के निर्देश ने एक बार फिर विधायक को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस बार उन पर पेट्रोल पंप पर दबंगई का आरोप है। इससे पहले भी कई मामलों में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। पुलिस अभिरक्षा से अभियुक्त को छुड़ाने के मामले समेत कई अन्य केस में कोर्ट की कार्रवाई बहुत आगे बढ़ चुकी है। अभी इसी माह जेके सर्विसेज कंपनी के अधिकारियों ने भी ढुलू महतो समर्थकों पर रंगदारी का आरोप लगाया है। इसके साथ ही तीन दिनों पूर्व उनके इलाके की ही नमक फैक्ट्री पर भी हुए हमले में विधायक समर्थकों का नाम आया है। हालांकि बाद में ढुलू महतो ने नमक फैक्ट्री पर हमले में अपने किसी समर्थक का हाथ होने से इन्कार किया था। यह कहा था कि फैक्ट्री पर फायरिंग और हमले के दोषी को पुलिस गिरफ्तार करे। नहीं तो वे आरोपी को पकड़ कर पुलिस को सौंपेंगे। लेकिन, मियाद खत्म हो जाने के बाद भी न तो पुलिस ने और न ही विधायक ने दोषी को खोज निकाला। ताजा आरोप को विधायक ने पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो, पूर्व मंत्री ओपी लाल और बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय झा की साजिश कहा है। धनबाद भाजपा की अंदरूनी राजनीति में भी बाघमारा विधायक ढुलू महतो की अदावत साथी विधायक व सांसद से जगजाहिर रही है। सांसद रवींद्र पांडेय, विधायक फूलचंद मंडल से तनातनी के साथ ही निरसा विधायक अरूप चटर्जी (मासस) के साथ भी वार पलटवार होता रहा है। इन स्थितियों से बाघमारा की छवि लगातार खराब हो रही है। विधायक का यह दावा है कि वे शोषित और गरीबों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। विरोधी उन्हें जान बूझकर फंसाते हैं। कुछ दिन पूर्व बाघमारा में पदस्थापित झारखंड पुलिस सेवा के एक वरीय अधिकारी के साथ भी सार्वजनिक कार्यक्रम में विधायक के साथ अप्रिय प्रसंग सुर्खियों में आया था। हालांकि बाद में उस अफसर का तबादला हो गया। विधायक को उन तत्वों से बचना चाहिए जो उनके नाम का गलत इस्तेमाल करते हैं। सत्ताधारी दल के विधायक होने के कारण पार्टी और सरकार की साख को हमेशा बचाए रखना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। इन दिनों लगातार कोई न कोई ऐसी घटना हुई है जिसके साथ ढुलू महतो का सीधा नाम जुड़ा है। ऐसे में एक नकारात्मक छवि से बचते हुए ढुलू महतो को अपने मिशन पर कायम रहना चाहिए। पुलिस को भी चाहिए कि जनप्रतिनिधियों पर लगे आरोप की निष्पक्षता पूर्वक जांच कर कानून के राज का संदेश जनता को दे।

[ स्थानीय संपादकीय : झारखंड ]