बिहार की विकास योजनाओं के लोकार्पण के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा से पारित कृषि विधेयकों का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों को जिस तरह निशाने पर लिया, उससे यह साफ है कि उन्हें इसका आभास हो रहा है कि यह मामला एक राजनीतिक मसला बनता जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस को खास तौर पर निशाने पर लिया तो इसके पीछे पर्याप्त कारण हैं। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनावों के समय अपने घोषणा पत्र में यह दर्ज किया था कि यदि वह सत्ता में आई तो कृषि उत्पाद बाजार समिति कानून यानी एपीएमसी एक्ट को खत्म करने के साथ कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री को प्रतिबंधों से मुक्त करेगी। अब जब यही काम किया जा रहा है तो कांग्रेस विरोध का झंडा बुलंद कर रही है। यह सस्ती राजनीति के अलावा और कुछ नहीं। कांग्रेस का यह रवैया नया नहीं है। उसने यही काम नागरिकता संशोधन कानून के मामले में भी किया था।

एक समय इस कानून में जैसे संशोधन की मांग उसके नेता संसद में कर रहे थे, वैसे संशोधन हो जाने पर उन्होंने आसमान सिर पर उठा लिया था। जैसे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगों को भड़काने में कांग्रेस सबसे आगे रही, उसी तरह कृषि विधेयकों के खिलाफ भी वह किसानों को उकसाने में बढ़-चढ़कर सक्रिय है। यह पंजाब में कांग्रेस की ओर से कृषि विधेयकों के उग्र विरोध को हवा देने का ही परिणाम रहा कि शिरोमणि अकाली दल भी उससे होड़ लेने के लिए आगे आ गया।

यह हास्यास्पद है कि शिरोमणि अकाली दल के जिन नेताओं ने तीन माह पहले कृषि सुधारों से जुड़े अध्यादेश जारी होने पर उनका स्वागत किया था, वे अब यह कह रहे हैं कि इस मामले में उनसे सलाह नहीं ली गई। कृषि सुधारों का विरोध कर रहे दल और संगठन भले ही किसानों के हितों की दुहाई दें, लेकिन सच यही है कि वे अनाज मंडियों में वर्चस्व रखने वाले आढ़तियों और बिचौलियों के हितों को साधने के लिए किसानों के मन में संदेह के बीज बो रहे हैं।

इस ओर संकेत करते हुए प्रधानमंत्री ने यह सही कहा कि कुछ राजनीतिक दल किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रहे हैं, लेकिन इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों के किसान बिचौलियों और उनकी ढाल बने दलों के बहकावे में इसलिए आ गए हैं, क्योंकि एक तो वे नई व्यवस्था से अच्छी तरह परिचित नहीं और दूसरे, उन्हें यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि उससे उनकी मुश्किलें कम होंगी। बेहतर हो कि सरकार किसानों की आशंकाएं दूर करने के लिए और अधिक सक्रिय हो।