प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह व भाजपा के अन्य सभी बड़े नेता गुजरात चुनाव में व्यस्त हैं। ऐसी स्थिति में भी पश्चिम बंगाल से भाजपा की नजर हटी नहीं है। कभी मुख्यमंत्री के खासमखास रहे मुकुल राय के भाजपा में शामिल होने के बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा हरकत में आई है। लेकिन भाजपा बंगाल में मुकुल के ही भरोसे नहीं रहना चाहती है। वह अगले साल जनवरी में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर अपने स्तर पर रणनीति बनाने में जुट गई है। पार्टी की सांगठनिक स्थिति मजबूत करने के लिए भाजपा ने पश्चिम बंगाल के लिए ने दो नए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए है। बंगाल के ये दो पर्यवेक्षक विधान कर एवं अरविंद मेमन हैं। दोनों आरएस विचारधारा के हैं। विधान कर पश्चिम बंगाल के ही हैं। पश्चिम बंगाल के सभी भाजपा नेताओं के साथ वह बेहतर समन्वय करेंगे।
गुजरात चुनाव के बाद अमित शाह के फिर जनवरी में बंगाल दौरे पर आने का कार्यक्रम है। इसके पहले दो पर्यवेक्षक बंगाल में भाजपा की जमीन तैयार करने में जुट जाएंगे। शाह पार्टी की बूथ, मंडल एवं जिला कमेटियों के कार्यो की समीक्षा करेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय एकमात्र बंगाल भाजपा के राज्य प्रभारी है। इससे पहले उनके साथ सुरेश पुजारी तथा सिद्धार्थ नाथ सिंह राज्य पर्यवेक्षक की भूमिका निभाते थे। सिद्धार्थनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मंत्री बन गए और सुरेश पुजारी को उनके क्षेत्र ओडिशा का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। ऐसी स्थिति में कैलाश विजयवर्गीय के साथ अन्य दो पर्यवेक्षक भी बंगाल में पार्टी की सांगठनिक मजबूती के लिए काम करेंगे। राज्य में अगले साल की शुरूआत से ही चुनाव का दौर शुरू हो जाएगा। पंचायत चुनाव के बाद 2018 में लोकसभा तथा उसके बाद राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और मुकुल राय ग्रामीण क्षेत्रों में सांगठनिक विस्तार पर जोर देंगे। दोनों नेता शीघ्र ही राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा शुरू करेंगे। शुक्रवार को धर्मतल्ला में पार्टी की रैली से मुकुल राय समेत अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने राज्य से तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकने की घोषणा की है। अब देखना है कि मुकुल राय के साथ तालमेल कर भाजपा पश्चिम बंगाल में किस हद तक अपना विस्तार कर पाती है और चुनावों में उसे इसका कितना फायदा मिलता है।
हाईलाइटर::(लेकिन भाजपा बंगाल में मुकुल के ही भरोसे नहीं नहीं रहना चाहती है। वह अगले साल जनवरी में होनेवाले पंचायत चुनाव को लेकर अपने स्तर पर रणनीति बनाने में जुट गई है।)

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]