कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के जंगलमहल पश्चिम मेदिनीपुर जिले के लालगढ़ के बाघघोड़ा जंगल में रॉयल बंगाल टाइगर की हत्या को लेकर सियासत गरमा गई है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बुधवार को कहा कि देश में पश्चिम बंगाल सिर्फ ऐसी जगह है, जहां वोट बैंक की राजनीति के लिए वन्यजीवों के अवैध शिकार की छूट है और उसे प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अपने वोट बैंक को बचाने के लिए वह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दौरान बंगाल के पुरुलिया जिले के अयोध्या पहाड़ी क्षेत्र में शिकार उत्सव नामक त्योहार का जिक्र करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि हर साल हजारों जानवर मारे जाते हैं और ऐसे त्योहार तत्काल प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। तथाकथित हजारों जनजातियां लालगढ़ के चारों ओर जंगलों में आती हैं और हर साल हजारों जानवर मारे जाते हैं। यह साल भी अपवाद नहीं रहा। वे खुद के लिए जानवरों को नहीं मारते हैं। वे तस्करों व शिकारियों द्वारा इस्तेमाल हो रहे हैं और राज्य वन विभाग ने इस बारे में कुछ नहीं किया है। मुद्दा यह कि यदि मुख्यमंत्री रुचि लेतीं हैं तो वह इसे दो मिनट में रोक सकती हैं। लेकिन यह वोट बैंक से जुड़ा है। यदि वोट बैंक की सुरक्षा के लिए 10,000-15,000 जानवर मरते हैं तो आप क्या कर सकते हैं? इससे पहले वाममोर्चा चेयरमैन विमान बोस से लेकर अन्य नेताओं ने भी सवाल उठाए थे।

मेनका के इस बयान पर ममता ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अपनी पार्टी की वेबसाइट पर गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि एक केंद्रीय मंत्री एक वर्ग विशेष को लेकर गलत बयानबाजी कर रही हैं। इस तरह का बयान देने के लिए उन्हें आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि, इस तरह के लोग यदि मंत्रिमंडल में रहेंगे तो सरकार के लिए मुश्किल खड़ी तो होगी ही देश का भविष्य भी खतरे में पड़ जाएगा। ममता ने कहा कि आदिवासी उनके लिए अनमोल है। उन्होंने मंत्री से सवाल किया है कि उन्हें क्या पता है कि बंगाल में कितने जंगल हैं? हमारी सरकार ने बाघ को बचाने के लिए पूरी कोशिश की जिसमें कई लोग जख्मी भी हुए। फिर इस पर राजनीति क्यों? मामले की जांच हो रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ टिप्पणी होनी चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]